दोस्तों Dwarf Planets जिन्हे बौना ग्रह भी कहा जाता है ये ऐसे विशाल Asteroids होते है जो की आकार में दूसरे Solar Bodies से काफी विशाल होते है पर ये इतने भी विशाल नहीं होते की इन्हे Planets की श्रेणी में रखा जाए | 2006 में International Astronomical Union ने हमारे सौरमंडल के आखिरी छोर यानि Kuiper belt में मौजूद Pluto को एक ग्रह की श्रेणी से हटाकर एक Dwarf Planet की श्रेणी में रख दिया | जिसके बाद हमारे सौरमंडल में Dwarf Planets की कुल संख्या बढ़कर पांच हो गयी |
जीवन की संभावनाओं से भरा बौना ग्रह | dwarf Planet Ceres in hindi
Pluto के अलावा हमारे सौरमंडल में मौजूद Dwarf Planets है Eris , Haumea , MakeMake और Ceres | इनमे से Pluto , Eris , Haumea और Makemake यानी कुल चार Dwarf Planets हमारे सौरमंडल के आखिरी छोर में उपस्तिथ Kuiper belt disc में मौजूद है | पर वही Dwarf Planet Ceres इनमे सबसे छोटा और हमारे सौरमंडल के भीतरी छोर में Mars और Jupiter ग्रहो के बीच Asteroid Belt में मौजूद है |
वैज्ञानिको के अनुसार यह एक काफी अनोखा और अजीबो गरीब Dwarf Planet है जहा उन्हें Water , icy mountains , Liquid Ocean और atmosphere के सबूत मिले है |
और इसी वजह से NASA ने पहली बार 2007 में Asteroid belt और इस Dwarf planet का अध्यन करने के लिए एक Orbitar मिशन भेजा जिसे DAWN mission नाम दिया गया | पर आखिर यह Dwarf Planet इतना अजीबो गरीब और खास क्यों है और आखिर DAWN Mission ने इस Dwarf planet पर क्या खोजा ?
Ceres के खोज की कहानी | Discovery of Dwarf Planet Ceres
Ceres की खोज की कहानी काफी अनोखी और मजेदार है। इसकी खोज की शुरुआती प्रक्रिया का श्रेय मशहूर German astronomer Johannes Kepler और Tycho Brahe को जाता है।
जब Kepler ने Tycho के astronomical data को देखा तो उन्होंने planets के motion को समझने के लिए काफी रीसर्च किया ।उनके इसी काम की बदौलत उन्होंने बहुत उम्दा Discovery की जिसे आज हम Kepler’s Law of Planetary motion के नाम से जानते हैं। उनकी इस Discovery के साथ उन्होंने एक और चीज़ notice की कि Planet Mars और Jupiter के बीच एक बड़ा gap है और उन्होंने
इस बात का अनुमान लगाया कि जरूर उस खाली जगह में कोई ग्रह है जिसको अभी तक discover नही किया जा सका है। इस डिस्कवरी से जुड़ी उनकी एक बहुत ही famous लाइन है – ” Between Mars and Jupiter, I place a planet. “
लेकिन फिर भी किसी ने भी Mars और Jupiter के बीच planet की बात पर ध्यान नही दिया और न ही इस पर कोई action लिया गया । लेकिन 1781 विलियम हेरस्कील ने एक नए Planet की खोज की जिसे आज हम Uranus के नाम से जानते हैं और इसी के साथ Search mission में काफी तेजी आई ।
” 1801 में तारों की खोज में निकले mathematician और astronomer Giuseppe Piazzi ने जब ceres को देखा तो उनको लगा कि उन्होंने एक तारा खोज निकाला है “
लेकिन Ceres को छोटे Size और इसके जैसे और भी बड़े- बड़े Rocky materials से बने asteroids को देख कर , साइंटिस्ट ने Ceres को भी एक asteroid की category में रख दिया । कई सालों तक Ceres को एक Asteroid ही कहा जाता रहा ,लेकिन Ceres अपने पड़ोसी asteroids से इतना अलग और इतना बड़ा था कि 2006 में साइंटिस्ट ने इसे Dwarf Planet घोषित कर दिया।
Ceres का निर्माण और रोचक तथ्य | Ceres Formation and Facts
Ceres Asteroid belt में मौजूद सबसे बड़ा Object है, जिसका Diameter करीब 950 kilometer है | Ceres के अलावा Asteroid belt में Vesta, Pallas और Hygiea जैसे विशालकाए Asteroids भी मौजूद है | Ceres लगभग 4.6 Earth Years में सूर्य का एक revolution पूरा करता है वही अपनी axis में rotation करने में इसे 9 घण्टे का समय लगता है।
माना जाता है कि लगभग 4.5 अरब साल पहले जब सौर मंडल का निर्माण हो रहा था उसी समय Ceres का formation भी हुआ था । इसके formation को ले कर कई theories और अनुमान लगाए गए है । जिसमे से एक theory के अनुसार, गुरुत्वाकर्षण की वजह से घूमती हुई गैसों और धूल के कणो को एक जगह इकठ्ठा कर लिया और इसी के साथ dwarf planet Ceres का निर्माण हुआ।
Ceres को वैज्ञानिकों ने एक Protoplanet की category में रखा है , जिसका मतलब यह है कि यह अपने निर्माण के शुरुआती दौर में एक planet के रूप में बनना शुरू हुआ, लेकिन इसके बनने की प्रक्रिया पूरी नही हो सकी।
यानी आप इसे एक अधूरा ग्रह भी कह सकते है | इसकी इस असफलता का श्रेय जाता है Jupiter ग्रह के मजबूत गुरुत्वाकर्षण बल को… जिसने Ceres को एक पूरा ग्रह बनने से रोक दिया।Ceres ग्रह के निर्माण में बचे हुए टुकड़े उसी जगह बस गए और सूर्य का चक्कर लगाने लगे जिनको आज हम asteroid belt के नाम से जानते हैं।
Ceres पर पहला इंसानी मिशन | Dawn Mission to Dwarf Planet Ceres
Nasa ने 2007 में Asteroid belt और इस Dwarf planet का अध्यन करने के लिए DAWN नाम के Mission को Launch किया | यह करीब 2.8 Billion Kilometer लम्बी यात्रा कर 2011 में asteroid belt के दूसरे सबसे बड़े Object – Vesta के orbit में दाखिल हुआ | इसने करीब 1 साल इस Rocky Asteroid का अध्यन किया |
2012 में यह Spacecraft अपने दूसरे target यानी dwarf planet Ceres की ओर रवाना हुआ , करीब 4.9 Billion Kilometer की लम्बी यात्रा कर यह mission सन 2015 में Ceres के orbit में दाखिल हुआ, इसका Primary Misison 2016 में पूरा हो गया |
Dawn Mission द्वारा की गई खोजे | Discoveries of Dawn Mission
जिस दौरान इसने Ceres के Global Shape, density, morphology, खनिज विज्ञान, उसमे मिलने वाले elements , उनकी संरचना, उसकी gravity और उसकी मिट्टी के बारे में कई अहम् जानकारिया जुटाई |
” जिसके साथ ही इस mission ने Ceres के surface में मौजूद Crators , Bright spots , atmosphere और करीब 6.5 Kilometer विशाल एकलौते Icy Mountain का भी काफी करीबी से अध्यन किया “
जिससे हमें पता चला की भले ही आज Ceres एक Icy World है पर आज से कई सालो पहले इसके Surface में Liquid Oceans मौजूद रहे होंगे | और वैज्ञानिको को मानना है की आज भी इसके Icy Surface के नीचे Liquid water के सागर मौजूद हो सकते है |
1 नवंबर, 2018 को Dawn Spacecraft का Fuel पूरी तरह ख़त्म हो गया जिसके बाद इसे Official तौर पर retire कर दिया गया | वर्तमान समय में यह Spacecraft – dwarf planet Ceres के आसपास एक uncontrolled orbit में घूम रहा है। और वैज्ञानिक का अनुमान है की अगले करीब 50 सालो तक यह ऐसे ही Ceres का चक्कर लगता रहेगा | जिसके बाद यह उससे टकरा कर नष्ट हो जाएगा |
Dawn ने Ceres पर खोजा पानी | Water discovered on Ceres by Dawn
इस Dwarf Planet के बारे में सबसे अजीब और रोचक बात यह है की इस Dwarf Planet के अध्यन के दौरान वैज्ञानिको को इसपर Water के सबूत मिले है | 1991 में एक study के मुताबिक यह पाया गया कि इस ग्रह पर Hydroxide के रूप में पानी के कुछ संकेत है। ऐसा अनुमान लगाया गया था कि इस ग्रह के कुल mass का 30 प्रतिशत हिस्सा Ice है।
स्टडी से यह बात सामने आई है कि Ceres की सतह पर पानी , बर्फ के रूप में और सतह के नीचे liquid water के रूप में मौजूद हो सकता है |
European Space Agency द्वारा किये गए खोज के दौरान वैज्ञानिको को Ceres में पानी के गुबार यानी कि water plumes भी मिले है | जिसके अनुसार Ceres लगभग हर सेकंड 6 किलोग्राम water vapour अपनी सतह पर produce करता हैं। वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि Ceres पर पानी के वाष्प निकलने के दो मुख्या श्रोत है – पहला , पानी का वाष्प बर्फीले ज्वालामुखियों यानी कि icy volcano से निकल रहा है या यह Solid Ice से गैस में परिवर्तित होने के process के तहत direct water vapour में बदल रहा है।
क्या Ceres पर जीवन मौजूद है | Is life present on Dwarf Planet Ceres?
किसी भी ग्रह पर पानी का मिलना , इस बात की उम्मीद जगाता है कि वहाँ पर जीवन की संभावनायें भी हो सकती हैं। किसी भी ग्रह पर life की possibility को जानने के लिए साइंटिस्ट सबसे पहले वहाँ पानी का पता लगाते हैं । Ceres भी हमारे सौर मंडल के उन जगहों में से एक है जहां वैज्ञानिक जीवन के संकेतों की खोज करना चाहते हैं।
Ceres के पास एक ऐसी चीज़ है जो बहुत सारे अन्य ग्रह के पास नही हैं और वो है – पानी । क्योंकि यहां पृथ्वी पर, जीवन के लिए पानी बहुत जरूरी है, इसलिए यह संभव है कि पानी और कुछ अन्य conditions के साथ, वहां life possible हो सकती है। अगर वहाँ मौजूद life forms की बात करे तो Ceres पर शायद बैक्टीरिया के समान बहुत छोटे Microbes मौजूद हो सकते हैं।