स्पेस युग की शुरुआत के साथ ही इंसानो को यह सवाल हमेशा से ही परेशान करता रहा है कि क्या हमारे पृथ्वी से परे इस विशाल ब्रम्हांड में कही और जीवन मौजूद है | हमारे सबसे उन्नत space telescopes दिन-रात ऐसे ग्रहो के खोज में लगे हुए है जहाँ जीवन मौजूद हो सकता है पर अभी तक उन्हें कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है | शुरू में माना जाता था कि हमारे सौरमंडल के दो ग्रहो में जीवन कि सबसे ज्यादा सम्भावनाये मौजूद है जिनमे से एक है शुक्र ग्रह और दूसरा है मंगल ग्रह | पर कई सालो तक चले अध्यनो से हमें यह पता चला है कि ये दोनों ही ग्रह जीवन के लिए उपयुक्त नहीं है और इन ग्रहो में किसी भी प्रकार के जीवन के होने कि सम्भावनाये न के बराबर है | ऐसे में अब वैज्ञानिको ने अपनी खोज का दायरा शनि और बृहस्पति ग्रहो के चन्द्रमाओ कि ओर मोड़ने का फैसला किया है |
क्यूंकि कई साल तक किये गए अध्यनो से पता चला है कि इन दोनों ही ग्रहो के moons भले ही बाहर से बेहद ही ठन्डे और निर्जन नज़र आते है | पर इनके कुछ moons बेहद ही खास है जिनके surface पर जमे मोठे बर्फ के पर्त के नीचे विशाल liquid water के समुद्र मौजूद हो सकते | जहाँ किसी प्रकार का microbial life या complex life भी मौजूद हो सकता है | पर हमें इनके बारे में और अधिक जानने के लिए इन चन्द्रमाओ का करीबी से अध्यन करना होगा | ऐसे में हाल ही में नासा ने ऐलान किया है कि वह Jupiter ग्रह के moon Europa का अध्यन करने के लिए एक विशेष मिशन Europa clipper पर काम कर रहा है | पर आखिर यह मिशन क्या है और आखिर कैसे यह Jupiter ग्रह के moon Europa पर जीवन कि खोज करेगा यह सब जानेंगे हम आज के इसलेख में |
यूरोपा की खोज और गैलिलियो मिशन | Europa discovery and Galileo Mission
इटली के महान खगोल वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली ने 1610 में Jupiter ग्रह कि परिक्रमा कर रहे इसके 4 विशाल Moons – IO , Europa , Ganymede और Callisto की खोज की | यह पहली बार था जब हमने किसी दूसरे ग्रह की परिक्रमा कर रहे Moons की खोज की थी और इसी वजह से इन्हे Galilean moons के नाम से भी जाना जाता है | 1989 में NASA ने Jupiter ग्रह और उसके Moons का अध्ययन करने के लिए Galileo Mission को launch किया | इस मिशन का मुख्य मकसद Jupiter ग्रह और उसके moons का अध्ययन करना था | करीब 6 साल की लम्बी यात्रा करने कि बाद साल 1995 में यह Spacecraft Jupiter ग्रह के orbit में दाखिल हुआ | करीब 8 साल तक चले अपने Mission के दौरान इसने Jupiter ग्रह और उसके Moons को लेकर कई अद्भुत खोजे और चौकाने वाले खुलासे किये जिसने इस ग्रह और उसके Moons को देखने का हमारा नजरिया हमेशा के लिए बदल दिया |
गैलिलियो मिशन द्वारा यूरोपा का अध्ययन | Study of Europa through Galileo Mission
इसने सबसे ज्यादा चौकाने वाले खुलासे Jupiter ग्रह के Moon Europa को लेकर किये | Galileo mission द्वारा जुटाए गए data और धरती पर भेजे गए Pictures का अध्ययन कर वैज्ञानिको को पता चला की Europa के surface पर जमे कई किलोमीटर मोटे बर्फ के पर्त के नीचे विशाल Liquid Salt Water के oceans मौजूद हो सकते है | हाल ही में किये गए एक अध्ययन के अनुसार Europa पर करीब 20 किलोमीटर विशाल बर्फ के पर्त के नीचे करीब 80 किलोमीटर गहरे महासागर मौजूद हो सकते है | अनुमान के लिए मै आपको बता दू की धरती का सबसे गहरा समुद्री भाग Mariana trench है जो कि करीब 11 किलोमीटर गहरा है |
यूरोपा पर मौजूद है विशाल समुद्र | Big Oceans on Jupiter Moon Europa
Europa पर पृथ्वी के सभी महासागरों में मौजूद पानी से भी दोगुना पानी मौजूद है | ऐसे में इन विशाल समुद्रो में कई चौकाने वाली चीजे मौजूद हो सकती है | वैज्ञानिको के अनुसार Europa के समुद्रो में जीवन के लिए जरुरी Organic Molecules , Energy और Liquid water मौजूद है ऐसे में इसके गहरे समुद्र की सतह पर किसी प्रकार का जीवन मौजूद हो सकता है। कुछ वैज्ञानिको का मानना है की इसके विशाल समुद्रो में Bacteria जैसे microbial life मौजूद हो सकते है | ऐसे में यह काफी हद तक हमारे पृथ्वी के शुरूआती दिनों के तरह हो सकता है जहा इन शुक्ष्म जीवो के जरिए धरती के महासागरों में जीवन पनप रहा था | वही कुछ वैज्ञानिको का मानना है की इसके महासागरों में किसी प्रकार का Complex life भी मौजूद हो सकता है जैसे किसी प्रकार का समुद्री जीव |
नासा का यूरोपा मिशन और खासियतें | NASA Europa Clipper Mission
ऐसे कई और सभावनाये और कयास है जो इस चन्द्रमा को काफी अनोखा और महत्वपूर्ण बनाती है ऐसे में वैज्ञानिको को इस चन्द्रमा का करीबी से अध्ययन करना जरुरी था | और इसी वजह से 25 अगस्त, 2019 को American Space Agency NASA ने ऐलान किया कि वह इस Moon पर जीवन की खोज के लिए Europa Clipper नाम के Mission पर काम कर रहा है , जिसे 2023 तक Launch किये जाने कि सम्भावना है | इस Spacecraft में कुल मिलाकर 9 Scientific Instruments मौजूद होंगे जो करीब 4 सालो तक Europa के Surface और उसके Underground Oceans का अध्ययन करेंगे | साथ ही इसमें एक बेहद ही आधुनिक Camera भी लगा हुआ होगा जो कि इसके Surface कि high resolution तस्वीरें धरती तक भेजेगा | इस मिशन का मुख्य उद्देश्य इस Moon पर जीवन के अस्तित्व कि खोज करना होगा जो कि हमारे पृथ्वी से परे इस सौरमंडल में जीवन के लिए सबसे उपयुक्त जगहों में से एक है |
इस मिशन में कुल 4 billion dollars का खर्च आने का अनुमान है | Europa Clipper Mission द्वारा जुटाए गए जानकारियों का इस्तेमाल Europa Exploration के अगले मिशन Europa Lander में किया जा सकेगा | यह एक Interplanetary Lander होगा जो कि Europa पर land कर वहा जीवन की खोज करेगा | Europa clipper द्वारा जुटाए गए data का इस्तेमाल कर वैज्ञानिक इस Lander के landing के लिए सबसे उपयुक्त जगहों का चुनाव कर सकते है जहा जीवन के मौजूद होने की सबसे ज्यादा सम्भावनाये मौजूद हो सकती है |