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क्या नासा मंगल ग्रह पर जीवन की बात हमसे छुपा रही है ? | Viking Mission Life Discovery on Mars Planet Hindi

In this video we will discuss about the nasa viking mission and it's discoveries regarding the proof of life on mar planet.

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1976 में Viking मिशनों के जरिये नासा ने मंगल ग्रह पर विशेष Instruments भेजे जो की एक ख़ास तरह के Test कर वहा मौजूद किसी प्रकार के जीवन का पता लगाने में सक्षम थे | Viking मिशन के जरिये भेजे गए दोनों ही Landers ने मंगल ग्रह के अलग अलग हिस्से पे मौजूद Soil पर कई तरह के Tests किये जिसमे उन्हें मंगल ग्रह के Soil पर Microbial Life होने के Positive Signs मिले |
पर सबसे आश्चर्य में डालने वाली बात यह थी की मंगल ग्रह पर जीवन के अबतक के सबसे बड़े सबूत मिलने के बाद भी दुनियाभर के ज्यादातर वैज्ञानिको ने इन Results को गंभीरता से नहीं लिया और इसे मानने से इंकार कर दिया |

साथ ही NASA ने अपने मिशन की इतनी बड़ी सफलता के बाद भी करीब पांच दशकों के दौरान एक भी Follow Up मिशन नहीं भेजा जो की इन Tests और Experiments को मंगल ग्रह पर दोहरा कर वहा Alien Life की पुष्टि कर सके | ऐसे में कुछ लोगो का यह मानना था की NASA के वैज्ञानिक जान बूझकर हमसे मंगल ग्रह पर जीवन होने की बात छुपा रहे है | पर आखिर यह Viking Experiment क्या है और कैसे इसने पहली बार मंगल ग्रह पर जीवन की खोज की थी यह सब जानेंगे हम आज की इस Article में |

Nasa Viking Mission
Nasa Viking Mission

मंगल ग्रह पर नासा का वाइकिंग मिशन | Viking Mission Life Discovery on Mars

1976 तक वैज्ञानिको को मंगल ग्रह के Surface , Soil Composition और Geography के बारे में बेहद ही कम जानकारी मौजूद थी हमें तब तक यह पता नहीं था की आखिर इसका Surface कैसा दीखता है और यह किन Ingredients से मिलकर बना हुआ है | पर 20 July 1976 में यह सब कुछ बदल गया जब NASA के Viking Missions ने पहली बार मंगल ग्रह पर Land कर उसके Surface , Soil और Rocks की तस्वीरें धरती पर मौजूद वैज्ञानिको को भेजी |

Earth Seen From Mars Orbit
Earth Seen From Mars Orbit

Viking Mission Launch to Mars

अमेरिकी Space Agency – NASA ने Viking Mission के अंतर्गत Viking 1 और Viking 2 नाम के दो जुड़वाँ Landers और Orbiters का निर्माण किया |

Viking 1 Mission

Viking 1 मिशन को सबसे पहले अगस्त 1975 में Launch किया गया, जो की करीब 10 महीनो की यात्रा के बाद June 1976 में मंगल ग्रह के Orbit में सफलतापूर्वक दाखिल हुआ | जिसके बाद इसका Lander मुख्य Spacecraft से अलग होकर July 1976 में मंगल ग्रह के Surface पर सफलतापूर्वक Land करने वाला पहला अमेरिकी मिशन बन गया | Viking मिशनों से पहले मंगल ग्रह पर Land और Operate करने वाला इकलौता Mission रूस का Mars 3 Spacecraft था | यह Spacecraft दिसम्बर 1971 में मंगल ग्रह पर Land हुआ था पर केवल 2 मिनट के बाद ही इसका संपर्क धरती पर मौजूद वैज्ञानिको से टूट गया था|

Viking 2 Mission

वही Viking 2 मिशन को कुछ महीनो बाद सितम्बर 1975 में Launch किया गया जो की करीब 11 महीनो की लम्बी यात्रा के बाद August 1976 में मंगल ग्रह के Orbit में दाखिल हुआ | Orbit में दाखिल होने के कुछ दिनों के बाद इसका Lander मुख्य Spacecraft से अलग होकर सितम्बर 1976 में मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक Land करने वाला दूसरा अमेरिकी मिशन बना |

Nasa Viking Mars Lander
Nasa Viking Mars Lander

Viking Mission Discovery

Viking मिशनों ने अपने अध्यनो से वैज्ञानिको का मंगल ग्रह को देखने का नजरिया हमेशा के लिए बदल कर रख दिया | Viking Orbiters ने अपने High Resolution Cameras के जरिये पहली बार पुरे मंगल ग्रह का Global Surface Map तैयार किया | साथ ही इसने मंगल ग्रह के Surface में मौजूद Volcanos , Craters , Canyons और वहा आने वाले Dust Storms की कई High Resolution तस्वीरें भी ली | इसने मंगल ग्रह के Surface में Ancient Lakes और Rivers जैसे कई Structures की भी खोज की जिससे यह साफ़ हो गया की आज से कई Billion सालो पहले इस ग्रह पर Liquid Water का अस्तित्व मौजूद था |

Viking lander Hindi
Viking lander Hindi

Viking Discovers Microbial Life on Mars

NASA ने Viking Landers के साथ मंगल ग्रह पर विशेष Instruments भेजे थे जो की एक ख़ास तरह के Biological Experiment कर उसके Soil में मौजूद किसी तरह के Microbial Life का पता लगाने में सक्षम थे | इन Tests को Labeled Release Experiment नाम दिया गया था | इस Experiment के जरिये सबसे पहले Lander को मंगल ग्रह के Soil को इकठा कर इसे अपने अंदर मौजूद Instrument में डालना था |

जिसके बाद इसमें ख़ास Organic Compound , Water और Radioactive Carbon मिलाया जाता | अगर मंगल ग्रह के Soil में किसी प्रकार के Microorganism मौजूद होते है तो वो इस मिश्रण में मौजूद Nutrients को Metabolize कर Radioactive Carbon छोड़ते, जो की इस Instrument के Chamber Detect कर लेते |

Microbes on Mars Surface
Microbes on Mars Surface

वही इस Experiment के दूसरे चरण में Results को Cross Check करने के लिए मिश्रण को 160 Degree Celsius से भी ज्यादा तापमान में गरम किया जाता | इस Instrument को धरती पर मौजूद विशेष Scientists की टीम ने बनाया था जो की मंगल ग्रह के ग्रह के Soil में मौजूद Alien Life का पता लगाने में सक्षम था | मंगल ग्रह पर भेजने से पहले इसपर कई हज़ारो Tests किये गए थे जिसमे से हर बार इसने वैज्ञानिको को सही Result Show किया था |

Viking 1 Lander जहा मंगल ग्रह के Northern Equatorial Region में मौजूद Chryse Planitia नामक जगह पर Land हुआ था तो वही Viking 2 Lander इसके Equator के North में मौजूद Utopia Planitia नामक जगह पर Land हुआ था | दोनों ही मिशनों ने अपने अलग अलग Landing Site में मौजूद Martian Soil के चार Samples के साथ इस LR Experiment को अंजाम दिया | इन सभी चार Samples में वैज्ञानिको को Positive Results मिले यानी की इन सभी Samples में Instrument ने Radioactive Carbon को Detect किया |

वही इसके दूसरे चरण में Duplicate Samples के साथ इस Experiment को दोहराया गया पर इस बार Sample को करीब 160 Degree Celsius तक गर्म किया गया ताकि उसमे मौजूद सारे Organism मर जाए | इस Sample में वैज्ञानिको ने कोई Radioactive Gas – Detect नहीं किया जिससे की यह साफ़ हो गया की यह Biological Process की वजह से हो रहा है और न की किसी Natural या Chemical Process की वजह से | पर आखिर मंगल ग्रह पर Alien Life के इतने बड़े सबूत मिलने के बाद भी धरती पर मौजूद वैज्ञानिक उत्साहित क्यों नहीं थे?

Viking LR Experiment
Viking LR Experiment

Viking LR Experiment on Mars

LR Experiment ने मंगल ग्रह पर Alien Life की सारी Requirements को पूरा किया था | पर मंगल ग्रह पर जीवन के अबतक के सबसे बड़े सबूत को दुनियाभर के कई वैज्ञानिको ने मानने से इंकार करदिया उनके अनुसार यह Experiment मंगल ग्रह पर जीवन को साबित करने के लिए काफी नहीं है | साथ ही Viking मिशनों में ही मौजूद दूसरे Instruments , Sensors और इसके द्वारा किये गए दूसरे Experiments में वैज्ञानिको को मंगल ग्रह पर किसी प्रकार के Microbial Life के कोई सबूत नहीं मिले थे | और न ही उन्हें इसके Surface पर जीवन के लिए जरुरी Organic Compunds के कोई संकेत मिले |

जिससे कुछ हद तक यह साफ़ हो गया की इस Experiment के Positive Result का कारण Biological Process न होकर Chemical Process हो सकता है | वैज्ञानिको का मानना था की ये Positive Result मंगल ग्रह पर मौजूद कुछ ख़ास Compound के Chemical Process की वजह से भी हो सकते है पर उस समय तक वैज्ञानिको को इस Compound के बारे में कोई जानकारी नहीं थी | और कुछ दसको बाद मंगल ग्रह पर भेजे गए Phoenix मिशन ने मंगल ग्रह के Soil में Perchlorate नाम के एक Non Living Compound की खोज की | वैज्ञानिको के अनुसार यह Compound कुछ हद तक Experiment के Positive Result का कारण हो सकते है, जो की Nutrients को Consume कर Radioactive Carbon Emit कर रहे थे |

Bacteria on Mars Surface
Bacteria on Mars Surface

आज करीब 45 सालो बाद भी Viking Mission के Lead Scientists – Gil Levin और Patricia Ann Straat मानते है की Viking मिशनों ने सचमे मंगल ग्रह पर जीवन की खोज की थी | पर यह अभी भी दुनियाभर के Scientific Community में बहस का विषय बना हुआ है | दोनों ही Lead Scientists ने LR Experiment के Positive Result को Confirm करने के लिए Follow Up Missions का प्रस्ताव रखा था एक नया LR Test जो की Chiral Metabolism का अध्यन करता |

Chiral Metabolism Experiment

Chiral Metabolism एक ख़ास Process है जो की Left और Right Handed Organic Molecules में अंतर करने में सक्षम है जो की दूसरे Chemical Reaction नहीं कर पाते | इस नए प्रकार के LR Test को तैयार किया जा चूका था जिसे भविस्य में मंगल ग्रह पर भेजे जाने वाले Rovers के साथ एक Instrument के रूप में भेजना था | पर इसके विपरीत NASA ने मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत ढूंढने के लिए अलग तरह के Experiments करने का फैसला किया | करीब 5 दशकों के बाद NASA फिर एक बार Perseverance मिशन के जरिये ख़ास Instruments और Equipments मंगल ग्रह पर भेज रहा है जो की मंगल ग्रह के Soil पर कई तरह के Tests और Experiments कर उसमे Microbial Life के सबूत ढूंढने की कोशिश करेंगे |

Mars Sample Return Mission
Mars Sample Return Mission

Mars Sample Return Mission

जिसके साथ ही अमेरिकी Space Agency – NASA और European Space Agency – ESA एक अहत्वाकांक्षी Mars Sample Return Mission पर काम कर रहे है | इस मिशन के जरिये ये Space Agencies पहली बार मंगल ग्रह के Samples को धरती पर लाके उसका अध्यन करनी की योजना बना रही है | और हाल ही में NASA के Perseverance Rover ने इस मिशन के अंतर्गत मंगल ग्रह के Soil को Collect का उसे एक ख़ास Capsule में भी Store कर लिया है |

भविस्य में ESA का Lander और एक Small Rover इन Samples को इकट्ठा कर इसे धरती पर लाने का काम करेगा | ताकि हमारे धरती पर मौजूद वैज्ञानिक इस मंगल ग्रह के Soil का और भी करीबी से अध्यन कर सके | हम मंगल ग्रह पर Rovers भेजकर भी उसके Surface का अध्यन कर सकते है पर मंगल ग्रह पर किसी प्रकार के जीवन ढूंढने में सक्षम Instruments बेहद ही Complex होते है जिन्हे Rovers के माध्यम से मंगल ग्रह पर भेजना संभव नहीं है |

Mars Mission
Mars Mission

पर ऐसा नहीं है की केवल LR Experiment ही मंगल ग्रह पर जीवन का विवादित सबूत है | Meteroit ALH84001 और Methane Spike को भी मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत के तौर पर देखा जाता है जो की वैज्ञानिको के बीच बहस का विषय बने हुए है | जिसके साथ ही समय समय पर मंगल ग्रह से जुडी कुछ बड़ी और छोटी Scientific खोजो को वहा मौजूद किसी प्रकार के जीवन के साथ जोड़कर देखा जाता है |

ऐसे में इसका हल केवल Perseverance Rover द्वारा Collect किये गए Martian Soil Samples ही दे सकते है | जब वैज्ञानिक मंगल ग्रह के इन Soil Samples का गहन अध्यन करेंगे तब यह साफ़ हो जाएगा की क्या मंगल ग्रह पर कभी जीवन मौजूद था या नहीं या क्या वहा आज भी किसी प्रकार का जीवन मौजूद हो सकता है या नहीं |

Universe Hindi

Geetesh Patel is a Science enthusiast, he has a successful running youtube channel with over 1 Million Subscriber. And he Owns Universe Hindi and other Blogs and Websites.

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