वर्तमान समय में हमारी दुनिया Global warming , Pollution , Nuclear war और Over population जैसे बेहद ही बड़े खतरों से गुजर रही है । ऐसी परिस्थिति में एक बेहद ही बड़ा सवाल यह है की क्या मानव प्रजाति आने वाले करीब 200 सालो तक पृथ्वी पर अपना अस्तित्व बचाए रख सकती है या नहीं | और ऐसीं परिस्तिथि में हमें हमारे सौरमंडल के दूसरे ग्रहो या उनके चन्द्रमाओ पर बसना होगा | ऐसी स्तिथि में हमारा पडोसी मंगल ग्रह इस race में सबसे आगे नज़र आता है जहा भविस्य में मानव बस्तिया बसाई जा सकती है |
पर क्या हो अगर हम पुरे मंगल ग्रह को ही जीने लायक बना सके यानी उसे Terraform कर सके | जिसके लिए वैज्ञानिक Nuking Mars के आईडिया पर भी विचार कर रहे है जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक मंगल ग्रह के ऊपर कई परमाणु बम फोड़कर उसे धीरे धीरे रहने लायक बना सकते है | पर यह Concept क्या है और यह कैसे काम कर सकता है ,यह सब जानेंगे हम आज के इस लेख में |
पृथ्वी पर इंसानो का भविष्य | Future of Humans on Earth
हम इंसानों के लिए सबसे डरावना भविष्य वह होगा जिसमे मानव सभ्यता के ही खत्म हो जाने की कल्पना की जाती है। ये कल्पनाएं निराधार नहीं हैं इस समय मानव जाति जलवायु परिवर्तन, परमाणु युद्ध, जैव विविधता का विनाश, ओज़ोन परत में सुराख, जनसंख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी आदि समश्याओ के अलावा आसमानी खतरों जैसे किसी meteroit के टकरा जाने के जानलेवा खतरे का भी सामना कर रही है।
20वीं शताब्दी तक हम सोचते थे कि हम बहुत सुरक्षित जगह पर रह रहे हैं लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। मानव जाति के लुप्त होने के खतरे, चिंताजनक रूप से बहुत अधिक और बहुत तरह से बढ़ गए हैं। महान वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग कह चुके हैं कि महज 200 वर्षों के भीतर मानव जाति का अस्तित्व हमेशा के लिए खत्म हो सकता है और इस संकट का एक ही समाधान है कि हम अंतरिक्ष में मानव कॉलोनियां बसाएँ।
मंगल ग्रह हो सकता है इंसानो का अगला बसेरा | Future Space Colonies on Mars
इधर हाल के वर्षों में हुए Research से यह पता चलता है कि भविष्य में हम पृथ्वीवासियों द्वारा Space Colonies बनाने के लिए सबसे उपयुक्त जगह हमारा पड़ोसी ग्रह मंगल हो सकता है । मंगल ग्रह और पृथ्वी में अनेक समानताएं हैं। हालांकि मंगल एक बेहद ही dry और Cold ग्रह है, लेकिन इसमें वे तमाम तत्व मौजूद हैं जो इसे जीवन के अनुकूल बनाने में सक्षम हैं, जैसे कि पानी, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन आदि ।
हालांकि पृथ्वी का जुड़वा समझे जाने वाले शुक्र ग्रह की आंतरिक संरचना पृथ्वी से काफी मिलतीजुलती है, लेकिन जब बात जीवन योग्य परिस्थितियों की हो तो मंगल ग्रह अनोखे रूप से सबसे उपयुक्त ग्रह है। मंगल अपनी धुरी पर लगभग पृथ्वी जितने ही समय में घूमता है। पृथ्वी की तरह मंगल पर भी वायुमंडल मौजूद है, जो की काफी पतला है।
लेकिन इन समानताओं के साथ कुछ विषमानताएं भी हैं, जोकि मंगल को मानव के लिए Space Colonies में तब्दील करने में बड़ी चुनौती पेश करती हैं। मंगल पर न तो वायु पर्याप्त है और न ही सूरज की रोशनी। वहाँ का अधिकतम तापमान एंटकर्क्टिका के न्यूनतम तापमान के लगभग बराबर है।इसका वायुमंडल काफी पतला है जिसके कारण हानिकारक Solar radiation मंगल के सतह पर सीधे धावा बोलती है। 95 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड से बना इसका वायुमंडल हमारे लिए दम घुटने वाला साबित हो सकता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह के परिवेश को पृथ्वी जैसा बनाना संभव है। मंगल ग्रह को Terraform करने के लिए वैज्ञानिको ने कई तरकीब सुझाये है। भले ही यह कल्पना रोमांचक लगती हो मगर टेराफोर्मिंग आसान नहीं है। इसके साथ अनेक तकनीकी , budget और पर्यावरण से जुड़ी समस्याएँ मौजूद हैं।
मंगल ग्रह को Terraform करने का सुझाव | Elon Musk Idea of Terraforming Mars (Nuke Mars)
इससे जुड़ा हालिया सुझाव मशहूर Billionaire और spacex के मालिक Elon musk ने दिया है | स्पेसएक्स एक ऐसी कंपनी है जो मंगल ग्रह पर पहुंचने और वहां कॉलोनी बसाने के मामले में दूसरे देशो की Space agencies जैसे की नासा, ईसा, जैकसा और इसरो से काफी ज्यादा आगे है। ये कंपनी केवल 17 साल पुरानी है लेकिन दुनियाभर में सैटेलाइट लॉन्च करने के मामले में अपना दबदबा बनाए हुए है। स्पेसएक्स के मुखिया elon musk का यह मानना है कि मंगल ग्रह के Poles के ऊपर मौजूद Atmosphere पर परमाणु हथियारों से विस्फोट किया जाए तो मंगल ग्रह को फिर से रहने लायक बनाया जा सकता है |
उनके plan के अनुसार Nuclear explosion मंगल ग्रह के ऊपर किसी artificial sun की तरह काम करेगा जो की इसके बर्फीले ग्लेशियरों को पिघला देगा साथ ही परमाणु हथियारों के विस्फोट से कार्बन डाइऑक्साइड निकलेगा जो की इसके atmosphere को पूरी तरह ढक लेगा , जिससे एक ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा होगा जो मंगल के ठंडे जलवायु को धीरे धीरे गर्म कर देगा। साथ ही carbon di oxide के चलते इसका पतला atmosphere धीरे धीरे और मोटा होता चला जाएगा | इसके जरिये हम मंगल ग्रह को कुछ सैकड़ो सालो में फिर से रहने लायक और हरा भरा बना सकते है |
इस तकनीक के पीछे मौजूद खतरे | Danger in Nuking Mars
पर इस तकनीक में काफी पैसा खर्च होगा और साथ ही इस तकनीक में कई खतरे भी मौजूद है | वैज्ञानिको का कहना है की भली ही सुनने में यह तकनीक जितना आसान और रोमांचक लगता है वह इतना है नहीं | कुछ वैज्ञानिको के अनुसार मंगल पर परमाणु हथियारों के विस्फोट से वहाँ का वातावरण बहुत ठंडा हो सकता है जिसके वजह से वहा का तापमान गर्म होने की बजाय और ठंडा हो सकता है । परमाणु हथियार के उपयोग से राख़ और धूल की चादर मंगल ग्रह को ढक लेगी जिससे मंगल के औसत तापमान में भारी गिरावट आ जाएगी और वहा Nuclear Winter शुरू हो सकता है |
साथ इस तकनीक के जरिये मंगल ग्रह के atmosphere और उसके surface पर radiation फैलने का खतरा भी मौजूद है | जो की हमारे भविष्य के एकलौते उम्मीद यानी मंगल ग्रह को तबाह कर सकता है | इस लिहाज से देखे तो मस्क के विचार बेहद भयानक हैं। बेहतर होगा कि हम मंगल पर कदम सावधानी से रखें। और वहा जमीन के नीचे पनप रहे किसी microbial life form को तबाह न करदे |