Science and Astronomy

अंतरिक्ष में इंसान की कामयाबी के ऐतिहासिक क्षण | Historic Moments in Space Exploration Hindi

We will dicuss about some of the most historic moments of humans in space exploration. Apollo, Mars Mission, International Space Station are some of the noted missions.

Share this

दोस्तों 4 अक्टूबर 1957 को मनुष्य ने अपना पहला satellite sputnik-1 अंतरिक्ष में भेजा | तब से लेकर आज तक हम space technology के क्षेत्र में काफी उन्नत हो चुके है | तब से लेकर आज तक इंसान ने चाँद पर अपने कई अंतरिक्षयान भेजे, खुद चाँद पर अपना कदम रखा, मंगल ग्रह पर अपने कई अंतरिक्षयान भेज, jupiter और saturn जैसे ग्रहो का काफी करीब से अध्ययन किया, सौरमंडल के आखिरी छोर तक और सौरमंडल के बाहर भी अपने कई अंतरिक्षयान भेजे | और नजाने कई सारी तरक्की इंसान ने आज space exploration में कर ली है | इस दौरान इंसानो को कुछ ऐसे क्षण मिले जो बेहद ही ऐतिहासिक और न भूल पाने वाले थे |

sputnik in space
Sputnik in space

अंतरिक्ष में इंसान की कामयाबी के सबसे ऐतिहासिक क्षण (Most Historic Moments in Space Exploration)

sputnik -1 – First Artificial Earth Satellite (1957)

Sputnik -1 पहला Artificial Satellite यानि कृत्रिम उपग्रह था जिसे 4 October 1957 को सोवियत संघ ने launch किया था |

यह एक 23 इंच गोलाकार आकार का उपग्रह था जिसका वजन 84 किलोग्राम था | इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था | यह satellite वायुमंडल के घनत्व की गणना करने में सक्षम था तथा इसने पृथ्वी के ऊपरी वातावरण में radio संकेतो के वितरण के कई आकड़े भी जमा किए | Sputnik -1 को कजाकिस्तान के बैकानूर अंतरिक्ष प्रक्षेपणकेंद्र से launch किया गया था |

इस satellite ने 29000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से यात्रा की थी | तथा पृथ्वी की एक परिक्रमा करने के लिए इसे 96.2 मिनट का समय लगा था | इस satellite से संकेत बैटरी के समाप्त होने तक 22 दिनों तक प्राप्त होते रहे |

sputnik-1 4 जनवरी 1958 को पृथ्वी की कक्षा, यानि वायुमंडल में जलकर नष्ट हो गया | तब तक इसने 600 लाख किलोमीटर की यात्रा कर ली थी और यह अपनी कक्षा में 3 महीने तक रहा था | यह अंतरिक्ष में इंसान की कामयाबी का पहला क्षण था ,Sputnik -1 की सफल launching के बाद अंतरिक्ष युग की शुरुआत हो गयी थी |

yuri gagarin in voskoto capsule
yuri gagarin in voskoto capsule

Yuri Gagarin – First Man On Space (1961)

12 अप्रैल 1961 को मेजर यूरी गागरिन ( Yuri Gagarin ) अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाले पहले इंसान बने |

Vostoko -1 अंतरिक्ष यान मेजर यूरी गागरिन को अंतरिक्ष में ले गया, जिसको सोवियत संघ की अंतरिक्ष agency द्वारा संचालित किया जा रहा था | यूरी गागरिन ने पृथ्वी का एक चक्कर लगाकर अंतरिक्ष में मानव उड़ान के युग की शुरुआत की थी |

अंतरिक्ष में उन्होंने 108 मिनट की उड़ान भरी तथा इसके बाद वे सकुशल पृथ्वी पर वापस लौट आये | यूरी गागरिन को इस अभियान के लिए उनके कम ऊंचाई के कारण चुना गया था | कुल 5 feet 2 inch के गागरिन अंतरिक्ष यान के कैप्सूल में आसानी से फिट हो सकते थे |

अंतरिक्ष की इस पहली उड़ान के दौरान यूरी गागरिन का अपने यान पर कोई नियंत्रण नहीं था | लौटते वक्त उनका यान लगभग बर्बादी के कागार पर पहुँच गया था | गागरिन के कैप्सूल को दूसरे मॉड्यूल से जोड़ने वाले तार लौटते वक्त खुद से अलग नहीं हुए और पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही उनका कैप्सूल आग की लपटों में घिर गया |

पुरे दस मिनट तक आग में घिरे रहने के बाद किसी तरह उनका कैप्सूल अलग हुआ | यह मिशन अंतरिक्ष में इंसान की कामयाबी का एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक क्षण था |

Apollo 8 in SpaceApollo 8 in Space

Apollo 8 – First Spacecraft that circles the Man

Apollo 8 NASA का दूसरा मानवीय अभियान तथा अब तक का पहला अंतरिक्ष यान था जिसने चन्द्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था |

21 decembar 1968 में launch किये गए इस यान को चन्द्रमा तक पहुँचने में कुल 3 दिनो का समय लग गया था | इस अभियान में कुल 3 लोंग क्रैंक बोर्मन, जेम्स लावेल, विलियम एंडर्स मौजूद थे जिन्हे चन्द्रमा की परिक्रमा करने वाले पहले मानव होने का श्रेय हासिल हुआ | इस मिशन का निर्णय आखिरी समय में लिया गया था | तथा इस मिशन की तयारी मात्र 4 महीनो में की गई थी |

launch के करीब 21 घंटो बाद अंतरिक्ष यात्री दल ने Tv के जरिये सीधा प्रसारण किया था |

तथा उन्होंने सभी लोगो को christmas की बधाईया दी थी | Apollo 8 में मौजूद अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी को पुरे ग्रह के रूप में देखने वाले पहले मानव बने तथा चन्द्रमा की कक्षा से ली गई “The Earth Rise ” तस्वीर मानव जाती के इतिहास की एक ऐतिहासिक तस्वीरो में से एक बन गई |

Neil Armstong on the moon surfaceNeil Armstong on the moon surface

Neil Armstrong – Man on Moon

NASA का Apollo 11 पहला मानव अभियान था जो चन्द्रमा पर उतरा था | यह Apollo अभियान की पाँचवी मानव उड़ान तथा चन्द्रमा तक की तीसरी उड़ान थी |

16 july 1969 में launch किये गए इस यान में कमांडर नील आर्मस्ट्रांग, माइकल कॉलिंस और एडविन बज्ज एल्ड्रिन मौजूद थे | 20 जुलाई को आर्मस्ट्रांग और buzz aldrin चाँद पर कदम रखने वाले पहले मानव बने |

चाँद पर कदम रखने के बाद इन्होने early apollo scientific experiment package की स्थापना की और अमेरिकी ध्वज लहराने की तैयारियां शुरू की | ख़राब मौसम के बावजूद सारे विश्व में चन्द्रमा की सतह से सीधा प्रसारण शुरू किया गया जिसे करीब 60 करोड़ लोगो ने देखा |

आर्मस्ट्रांग ने चंद्रयान की तस्वीरें ली जिससे चन्द्रमा पर उतरने के बाद की हालत की जाँच हो सके | इसके बाद उन्होंने धूल, मिटटी के कुछ और नमूने लिए और कुछ तस्वीरें खींची | 24 july को apollo 11 पृथ्वी पर लौट आया |

मिशन पूरी तरह सफल रहा तथा सभी यात्री सकुशल पृथ्वी पर वापस लौट आए | इसे अंतरिक्ष में इंसान की कामयाबी का सबसे ऐतिहासिक क्षण माना जाता है |

Viking 1 Lander on mars Viking 1 Lander on mars

Viking -1 – First Successful Mars Landing

NASA ने मंगल ग्रह के surface और atmosphere का अध्य्यन करने के लिए दो यान बनाए थे | इनका मकसद था मंगलग्रह की तस्वीरें लेना, वातावरण के बारे में जानकारी जुटाना और जीवन की मौजूदगी का पता लगाना |

Viking -1 को सबसे पहले 21 अगस्त 1975 को लांच किया गया था | और यह यान सफलतापूर्वक 20 july 1976 को मंगल ग्रह पर उतर गया | यह इंसानो द्वारा किसी दूसरे ग्रह पर भेजा गया पहला अंतरिक्ष यान था और सम्पूर्ण मानवजाति के लिए एक नयी कामयाबी | इस यान ने मंगल ग्रह पर 2307 दिनों से भी अधिक लम्बे समय तक अध्य्यन किया |

इसके बाद दूसरे यान viking- 2 को भी इसी तरह मंगल ग्रह के लिए 9 सितम्बर 1975 को लांच किया गया | और यह भी सफलतापूर्वक 3 सितम्बर 1976 को मंगल की धरती पर उतर गया |

दोनों viking मिशनों ने मंगल की सतह की 4500 तस्वीरें ली | जबकि इसके दोनों ऑर्बिटर ने इस ग्रह की करीब 52,000 तस्वीरें ली | हालांकि मंगल ग्रह पर जीवन के निशान नहीं मिले लेकिन viking को मंगल की सतह पर वो सभी तत्व मिले जो कि धरती पर जीवन के लिए जरुरी है | जैसे की कार्बन, nitrogen, hydrogen, oxygen और phospharus ,यह किसी दूसरे ग्रह पर उतरने की पहली कामयाबी में से एक थी |

VOyager mission in interstellar spaceVoyager mission in interstellar space

Voyager 1 – Farthest Man-made Object From Earth

Voyager -1 interstellar space में प्रवेश करने वाला पहला अंतरिक्ष यान है | इस mission को सौरमंडल का गहन अध्य्यन करने के लिए 5 सितम्बर 1977 को NASA द्वारा launch किया गया था |

आज इस यान के काफी सारे Electric system ने काम करना बंद कर दिया है | पर कुछ system अभी भी काम कर रहे है और लगातार धरती पर signal भेज रहे है | हालांकि वैज्ञानिको का कहना है कि यह 2025 तक signal भेजना पूरी तरह बंद कर देगा | यह यान हमारी धरती के करीब 20 अरब किलोमीटर दूर interstellar space में मौजूद है | तथा यह लगातार 62,140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हमारी धरती से दूर जा रहा है |

इसके साथ एक और मिशन voyager 2 को 20 अगस्त 1977 में launch किया गया था | जो कि वर्तमान में हमारे सौरमंडल के बाहरी क्षेत्र heliosphere में मौजूद है जो जल्द ही हमारे सौरमंडल को छोड़कर interstellar space के अपने एकाकी सफर में निकल जायेगा |

इन दोनों ही मिशनों के साथ एक golden record भी attach किया गया है जिसमे धरती पर मौजूद जीवो, उनके culture, diversity of life के साथ और भी बहुत सारी जानकारिया मौजूद है | इस मिशन ने मानव जाति और धरती को इस अनंत ब्रम्हांड में हमेशा के लिए अमर कर दिया

hubble telescope in low earth orbithubble telescope in low earth orbit

Hubble Space Telescope – Revolution in Space Observation

Hubble Space Telescope को Space Observation के क्षेत्र में सबसे क्रन्तिकारी कदम माना जाता है | जिसने इंसान के अंतरिक्ष को देखने का नजरिया हमेशा के लिए बदल दिया | Hubble एक versatile optical telescope है जिसे 24 april 1990 को पृथ्वी की सतह से करीब 568 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था |

तब से लेकर अब तक, यह दूरबीन ब्रम्हांड के अनेक आकाशगंगाओ, nebula, तारों और अन्य चीजों की लगभग 7 लाख से ज्यादा तस्वीरें भेज चूका है | और यह आज भी सही तरीके से काम कर रहा है | हम hubble telescope की मदद से 13 billion light year दूर तक देख सकते है | जिसको हम hubble deep field कहते है |

हालांकि इसके Replacement के तौर पर नये telescope, James webb space telescope पर काम किया जा रहा है | जिसके 2020 के अंत तक या फिर 2021 तक launch किये जाने की उम्मीद की जा रही है | पर hubble telescope को Space Observation के क्षेत्र में हमेशा एक ऐतिहासिक mission के रूप में देखा जाएगा | जिसने अंतरिक्ष एवं ब्रम्हांड को देखने का हमारा नजरिया हमेशा के लिए बदल दिया |

ISS in Low earth orbitISS in Low earth orbit

International Space Station – Habitable Artificial Satellite

International Space Station को साल 1998 में launch किया गया था | यह धरती की कक्षा में स्थित एक कृत्रिम निवास स्थान तथा प्रयोगशाला है जिसे इसलिए बनाया गया है ताकि वैज्ञानिक इसमें रह सके |

इसमें एक समय में 6 वैज्ञानिक रह सकते है | यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक घर की तरह है क्योकि इसके भीतर रहना, खाना, सोना, जिम करना, बाथरूम, टायलेट, लैब सब कुछ मौजूद है | Space Station पृथ्वी की कक्षा से करीब 330 से 435 किलोमीटर की ऊंचाई पर रहता है | इतनी कम ऊंचाई की वजह से यह कई बार नग्न आँखों से भी दिखाई देता है |

International Space Station का प्रबंधन और संचालन 5 अलग अलग space agency NASA, ESA, CSA, Roscosmos और jaxa द्वारा मिलकर किया जाता है | International Space Station पर अब तक 15 देशो के 200 से ज्यादा वैज्ञानिक जा चुके है | भारत की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स भी यहाँ research work कर चुकी है |

इसे बनाने में कुल मिलाकर 160 अरब डॉलर का खर्च आया है, जो इंसानो द्वारा बनाई गई अब तक की सबसे महँगी चीज़ है | यह mission space technology के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है |

Universe Hindi

Geetesh Patel is a Science enthusiast, he has a successful running youtube channel with over 1 Million Subscriber. And he Owns Universe Hindi and other Blogs and Websites.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button