आज हम इंसान मंगल ग्रह को अपने अगले घर की तरह देखते है जहा अगले केवल 15 से 20 सालो में हम Human Colonies बसा लेंगे | मंगल ग्रह के Surface और Atmosphere करीबी से अध्यन करने के लिए हम इंसानो ने इस लाल ग्रह पर कई Missions भेजे है | जिनमे Rover , Lander और Orbiter Missions शामिल है और इनमे सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण Rover Missions होते है | अभी तक मानव इतिहास में केवल चार ही Rover Missions मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक Land कर पाए है | जिनमे Mars pathfinder , Spirit , Opportunity और Curiosity जैसे ऐतिहासिक Mission शामिल है |
Nasa Mars 2020 Space Mission
पिछले साल 30 जुलाई को अमेरिकी Space Agency – NASA ने Mars 2020 Mission के अंतर्गत अपने Next Generation – Perseverance Rover को मंगल ग्रह की ओर रवाना किया |
वर्तमान समय में यह Mission मंगल ग्रह के अपने सात महीनो के लम्बे सफर के अंतिम दौर में पहुंच चूका है और 18 फरवरी को यह मंगल ग्रह के Jezero crater पर Land करने की कोशिश करेगा | अन्य Rover मिशनों की तरह ही इस Mission का मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह के Surface और Atmosphere का करीबी से अध्यन करना और साथ ही मंगल ग्रह पर किसी प्रकार के Ancient Microbial Life की खोज करना है |
NASA का यह Next Generation Rover बेहद ही ख़ास होगा जो की भविस्य में प्रस्तावित Mars Sample Return Mission और Human Missions में एक काफी महत्वपूर्ण योगदान निभा सकता है | साथ ही Mars 2020 Mission के अंतर्गत Perseverance Rover के साथ एक Martian Helicopter Mission भी मंगल ग्रह पर भेजा जा रहा है जो की किसी दूसरे ग्रह पर भेजा गया पहला Aerial Helicopter Mission है |
मंगल ग्रह पर भेजे गए Rovers | Rovers sent on Mars
- अभी तक हम इंसानो ने मंगल ग्रह पर कुल चार Rover Missions भेजे है | जिनमे सबसे पहला Rover मिशन था NASA का Mars Pathfinder |
इस मिशन को December 1996 में launch किया गया था, जो की July 1997 में सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर Land हुआ | इस Mission ने Planetary Exploration के छेत्र में एक Revolution लाने का काम किया | क्यूंकि यह पहली बार था जब हमने किसी दूसरे ग्रह पर एक चलता फिरता robot भेजा था | पर यह Rover केवल कुछ महीनो तक काम कर पाया और सितम्बर 1997 में हमारा इससे हमारा संपर्क टूट गया |
- जिसके बाद June और July 2003 में NASA ने Spirit और Opportunity नाम के दो जुड़वाँ Rover मिशनो को Launch किया | दोनों ही Rovers , January 2004 में सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर land हुए | इन दोनो ही मिशनो ने मंगल ग्रह के बारे में हमारी समझ और जानकारियों को पूरी तरह बदल कर रख दिया | वर्तमान समय में मंगल ग्रह के बारे में हमारी ज्यादातर जानकारिया इन्ही दो Rover मिशनों द्वारा जुटाई गयी है | पर मई 2011 में हमारा Spirit Rover से संपर्क टूट गया , और मंगल ग्रह पर आये भयानक तूफान की वजह से Opportunity Rover ने भी आखिरकार फरवरी 2019 में हमारा साथ छोड़ दिया |
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- Mars Exploration में आगे बढ़ते हुए NASA ने नवंबर 2011 में अबतक के सबसे ज्यादा Advance Rover – Curiosity को launch किया | यह Rover August 2012 में मंगल ग्रह के Gale Crater नामक जगह पर सफलतापूर्वक Land हुआ | आप Curiosity Rover को मंगल ग्रह पर मौजूद एक चलती फिरती Laboratory भी कह सकते है , क्यूंकि इसमें उस समय के सबसे उन्नत Scientific Instruments मौजूद है जो की मंगल ग्रह के Soil , Ancient Life , Surface , Organic Molecules से लेकर उसके Environment conditions का अध्यन करने में सक्षम है | वर्तमान समय में यह Rover सही तरीके से काम कर रहा है और समय समय पर कई महत्वपूर्ण जानकारिया पृथ्वी तक भेजता रहता है | पर धीरे धीरे यह Rover भी बूढ़ा होता जा रहा है ऐसे में इसकी Efficiency और Power Generation भी समय के साथ कम होते जा रहा है |
Nasa का Mars 2020 Mission और Perseverance Rover
ऐसे में अमेरिकी Space Agency ने Mars Exploration के अगले चरण के अंतर्गत एक नए और आधुनिक Rover Mission पर काम करना शुरू किया |
NASA ने Mars 2020 Mission के अंतर्गत अबतक के सबसे आधुनिक Perseverance Rover को develope किया जो की Curiosity Rover से काफी मिलता जुलता है | वही इस Mission के अंतर्गत NASA ने एक Drone helicopter भी develope किया जिसे Ingenuity नाम दिया गया है |
Mars 2020 Mission को पिछले साल 30 जुलाई को Atlas V-541 rocket के जरिये Florida से launch किया गया था | वर्तमान समय में यह Mission अपने साथ महीनो के लम्बे सफर के अंतिम दौर में है जो की 18 फरवरी को मंगल ग्रह के Jezero Crater पर land करने की कोशिश करेगा | मंगल ग्रह पर Land करने का सात Minute का Sequence इस Mission के सबसे महत्वपूर्ण और खतरनाक 7 मिनट होंगे जहा यह Mission मंगल ग्रह के Surface पर Soft Landing करनी की कोशिश करेगा |
18 फरवरी को मंगल ग्रह पर लैंड होगा मिशन | Perseverance Rover Landing on Mars
सबसे पहले यह 18 फरवरी को मंगल ग्रह के Thin Atmosphere में दाखिल होगा जहा इसकी Speed करीब 20 हज़ार Kilometer प्रति घंटे होगी , ऐसे में इसके सभी Main Instruments एक विशेष Heat Shield से cover होंगे जो की इसे किसी भी Damage से बचाएंगे | इसके बाद इसमें लगे विशेष Parachutes और Powered Descent इसके Speed को धीरे धीरे करीब तीन से चार किलोमीटर प्रति घंटे तक कम कर देंगे |
जिसके बाद एक विशाल Sky Crane मुख्य Rover को मंगल ग्रह के Surface में इसके 6 Wheels में Land कराने की कोशिश करेगा | सफलतापूर्वक Rover को Land कराने के बाद यह Crane मुख्य Rover से अलग हो जाएगा | वैसे तो NASA मंगल ग्रह पर अपने कई मिशनों को सफलतापूर्वक Land करा चूका है पर मंगल ग्रह पर किसी भी Mission को Land कराना बेहद ही चुनौतीपूर्ण होता है |
” जिसका मुख्य कारण है इसका बेहद ही Weak Gravity , जो की धरती के gravity का केवल 38 प्रतिशत ही है | ऐसे में मंगल ग्रह पर भेजे गए केवल 40 प्रतिशत Mission ही सफल रहे है वही करीब 60 प्रतिशत Mission – Fail “
Perseverance Rover को Scientific Mission
इस बार Martian Rover के landing site के तौर पर Jezero Crater को चूना गया है जो की मंगल ग्रह पर मौजूद करीब 45 किलोमीटर विशाल Impact Crater है |
” माना जाता है की Jezero Crater पर आज से कई Billion सालो पहले एक Ancient Lake मौजूद था ऐसे में वैज्ञानिको का मानना है की अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन मौजूद था तो यहाँ उन्हें Ancient Martian Life के सबूत जरूर मिल सकते है “
कई सालो तक किये गए अध्यनो और मंगल ग्रह के Surface की तस्वीरो से यह साफ़ है की आज से कई Billion सालो पहले मंगल ग्रह काफी हद तक हमारे पृथ्वी ग्रह की तरह था जहा Liquid Water के Lakes और नदिया मौजूद थी | ऐसे में Perseverance Rover का मुख्य मकसद इस Crater का अध्यन कर मंगल ग्रह पर Ancient Microbial Life का पता लगाना होगा |
Perseverance Rover का Design , NASA के पिछले Curiosity Rover से काफी मिलता जुलता है पर इसमें Curiosity Rover से ज्यादा Advance Scientific Instruments मौजूद होंगे | Perseverance Rover में सबसे ज्यादा improvement इसके Long – Range Mobility System पर किया गया है जो की इसे मंगल ग्रह पर 5 से 20 किलोमीटर तक चलने की काबिलियत देता है |
Mars Sample Return Mission
- साथ ही यह पहला Rover होगा जिसमे एक Drill System मौजूद होगा जो की Martian Soil और Rock के samples को जमा कर एक विशेष capsule में store करके रखेगा | यह ESA और NASA के महत्वाकांक्षी Mars Sample Return Mission का पहला चरण होगा |
- इसके दूसरे चरण में ESA का ExoMars Rover Mission जो की एक Light Weight Vehicle होगा | वह कई महीनो तक मंगल ग्रह के Surface पर Mars 2020 Rover द्वारा Collect किये गए Sample Capsules को इकठ्ठा कर सबसे ज्यादा Scientifically Interesting, Sample Capsule को चुनेगा |
- जिसके बाद इसके तीसरे चरण में ExoMars Rover इन Sample Capsules को Mars Sample Retrieval Lander तक ले जाएगा | यह European Space Agency का एक Lander होगा, जिसमे एक विशेष Solid Rocket Motor मौजूद होगा | ExoMars Rover , Sample से भरे इन Capsules को इस Lander तक ले जाएगा |
जिसके बाद यह Lander अपने में मौजूद विशेष Rocket की मदद से इन Capsule को मंगल ग्रह के Orbit में करीब 350 Kilometer की ऊंचाई तक भेजेगा |
4. इसके बाद इसके चौथे चरण में ESA का Earth Return Orbiter मंगल ग्रह के Orbit में इस Sample Capsule को Collect करेगा और अपने विशेष Solar Electric ion Engine की मदद से धरती तक का सफर तय करेगा | एक बार धरती के Orbit में पहुंचने के बाद यह Earth Return Orbiter इस Mars Soil Sample से भरे हुए Capsule को एक विशेष Container में भरकर धरती पर भेजेगा |
” उम्मीद है की 2030 तक यह विशेष Container , Sample Capsule के साथ धरती पर लैंड कर सकता है और तब जाकर पहली बार धरती पर मौजूद वैज्ञानिको को मंगल ग्रह के Soil और Rock के Samples का अध्ययन करने का मौका मिलेगा “
जिसका अध्ययन कर वैज्ञानिक मंगल ग्रह के Surface , Atmosphere के बारे में काफी अच्छे से जान सकते है | इन महत्वपूर्ण जानकारियों का इस्तेमाल भविष्य में मंगल ग्रह पर प्रस्तावित मानव मिसनो और मंगल ग्रह पर मानव बस्तिया बसाने के लिए किया जाएगा
Mars 2020 Mission और Mars Human Mission
Perseverance Rover पर एक विशेष Equipment भी मौजूद होगा जो की मंगल ग्रह के Atmosphere से Oxygen Extract करने की कोशिश करेगा | यह मुख्य रूप से एक Technology Demonstration होगा , जिसके द्वारा जुटाई गयी जानकारियों का इस्तेमाल वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जाने वाले Astronauts के लिए Life Support System, Transportation, और दूसरे Equipment design करने में कर सकते है |
साथ ही यह Rover मंगल ग्रह के Weather और इसके Atmosphere में मौजूद dust का भी अध्यन करेगा, ताकि वैज्ञानिक मंगल ग्रह के Seasonal Weather और Dust Storms के बारे में और अच्छे तरीके से जान सके | Perseverance Rover द्वारा जुटाई गयी ये सभी जानकारिया वैज्ञानिको को भविष्य में प्रस्तावित Human Mars Missions की तैयारी में काफी मदद करेगा |
मंगल ग्रह पर इंसानी हेलीकाप्टर | Mars Ingenuity Helicopter
Nasa ने मंगल ग्रह पर Perseverance Rover के साथ ही एक robotic Helicopter भी भेजा है | यह काफी हद तक एक Drone helicopter है जिसे Ingenuity नाम दिया गया है | नासा के वैज्ञानिको के अनुसार यह drone helicopter एक softball की तरह है जिसका वजन मात्र 1.8 किलोग्राम है | यह पहली बार होगा जब किसी दूसरे ग्रह पर कोई Drone या Helicopter मिशन भेजा जा रहा है।
सबसे पहले मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक Land होने के बाद यह Drone helicopter धीरे धीरे Main Rover से अलग होगा | जिसके बाद यह मंगल ग्रह पर करीब 30 दिनों का अपना test flight शुरू करेगा | इस 30 दिनों के test campaign के दौरान यह drone helicopter करीब 5 बार मंगल ग्रह पर उड़ान भरेगा |
किसी दूसरे ग्रह पर अपने सबसे पहले उड़ान के दौरान यह Helicopter करीब 20 से 30 सेकंड तक हवा में रहेगा जिस दौरान यह Martian surface से कुछ फ़ीट तक ऊँचा उठेगा | अगर इसका पहला test flight सफल रहता है तो यह मानव इतिहास के सबसे महान उपलब्धियों में से एक होगा |
क्यूंकि यह मानव इतिहास में पहली बार होगा जब हम धरती से अरबो किलोमीटर दूर किसी दूसरे ग्रह पर कोई drone helicopter उड़ाएंगे |
इसके बाद यह चार और flights को अंजाम देगा जिस दौरान यह Martian Surface से करीब 10 meter ऊपर उठेगा और करीब 300 मीटर का सफर तय करेगा |
इस दौरान यह लगातार Perseverance rover के संपर्क में रहेगा और उसकी मदद से realtime data धरती तक भेजता रहेगा | अपने flights के दौरान यह helicopter अपने Perserverance rover के लिए best route खोजने की भी कोशिश करेगा |
मंगल ग्रह पर भविष्य | Future of Mars Exploration
पर 30 दिनों के इसके test campaign के बाद इसका क्या होगा यह अभी तक साफ़ नहीं है | पर मंगल ग्रह पर केवल 90 दिनों के science exploration के लिए भेजे गए opportunity rover ने करीब 15 सालो तक मंगल ग्रह का अध्यन किया | जिसने दुनिया भर के वैज्ञानिको को हैरत में डाल दिया था ऐसे में यह देखना रोमांचक होगा की क्या यह mini helicopter मंगल ग्रह पर 30 दिनों से ज्यादा survive कर पाता है या नहीं |
पर इसके चले जाने के बाद भी Perseverance rover आने वाले कई सालो तक मंगल ग्रह का अध्यन करता रहेगा | यह Mission मानवो के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण मिशन साबित होगा जो की मंगल ग्रह पर इंसानो को बसाने और मानव बस्ती बसाने के लिए काफी मदद करेगा |