1608 में Telescope के आविष्कार ने Astronomy के छेत्र को पूरी तरह बदल कर रख दिया | Galileo Galilei ने अपने द्वारा आविष्कार किये गए Telescope की मदद से पहली बार Moon और दूसरे Solar Bodies का अध्यन करना शुरू किया | उन्होंने अपने Telescope की मदद से पहली बार Jupiter ग्रह के विशालकाय Moons और फिर शनि ग्रह के Rings का अध्यन किया | आज करीब 400 सालो बाद हमने इस छेत्र में काफी तरक्की कर ली है, वर्तमान समय में हमारी धरती में कई विशालकाय Ground Based Telescopes और Radio Telescopes मौजूद है जिनके मदद से हम कई Light Years दूर मौजूद तारो और उनका चक्कर लगा रहे ग्रहो का अध्यन करने में सक्षम हो गए है |
चाँद पर NASA बनाएगा सबसे विशालकाय Radio Telescope
चाँद पर Radio Telescope
पर Ground Based Telescope को धरती से Space का अध्यन करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से इनकी Range और Accuracy काफी कम हो जाती है | जिससे पार पाने के लिए हमने Space Telescopes का सहारा लिया जो की धरती के Orbit में मौजूद रहकर Space का अध्यन करने में सक्षम थे |
अब इससे आगे बढ़ते हुए अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA और दुनिया भर के कई वैज्ञानिक हमारे Moon के Dark Side पर करीब 1 Kilometer विशालकाय Radio Telescope का निर्माण करने की योजना पर काम कर रहे है |
पर आखिर वैज्ञानिक Moon के Dark Side में Radio Telescope का निर्माण क्यों करना चाहते है और कैसे यह Telescope हमारे ब्रम्हांड की शुरुआत और Dark Matters का एक नए सिरे से अध्यन करने में हमारी मदद कर सकता है यह सब जानेंगे हम आज |
Radio Astronomy क्या होता है | What is radio astronomy and its benefits
Radio Astronomy , Astronomy का एक Subfield होता है जहा दूसरे Celestial Object का अध्यन Radio Frequencies में किया जाता है, जिसकी मदद से हम ऐसे Phenomenon और Celestial Bodies को देख और उनका अध्यन कर सकते है जो की दूसरे Electromagnetic Spectrum में Invisible रहते है | हमारे धरती में कई विशालकाय Radio Telescopes मौजूद है जो की लगातार हमारे सौरमंडल और हमारे ब्रम्हांड का अध्यन कर रहे है |
Ground Based Telescopes के साथ समस्याएं |
धरती पर मौजूद लगभग हर तरह के Electronic Instruments – Radio Waves Emit करते है और साथ ही हमारे धरती का Dense Atmosphere – Space से आने कई तरह के Radio Signals को वापस Space में Reflect कर देता है | ऐसे में धरती पर मौजूद Radio Telescopes को Cosmos से आने वाले Radio Signals का अध्यन करने के लिए बेहद ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
ऐसे में हमारे आकाशगंगा और दूर ब्रम्हांड से आने वाले Radio Waves का अच्छे से अध्यन करने के लिए NASA के कुछ वैज्ञानिको ने Moon के Dark Side में एक विशालकाय Radio Telescope बनाने का सुझाव दिया है |
Moon के Dark Side पर Radio Telescope
दरअसल दोस्तों हमारे Moon पर किसी प्रकार का Atmosphere मौजूद नहीं है और साथ ही यह हमारे धरती से एक तरह से Tidally Locked है | जिसकी वजह से इसका एक Side हमेशा हमारी धरती की ओर तो दूसरा Side हमेशा हमारी धरती के विपरीत दिशा में रहता है |
ऐसे में Moon का Dark Side पृथ्वी से आने वाले Radio Interferences से दूर रहता है जिसके कारण इस जगह से हमारे आकाशगंगा और हमारे ब्रम्हांड से आने वाले Radio Waves का सटीक अध्यन किया जा सकता है |
Moon पर Radio Telescope बनाने को लेकर Research
ऐसे में NASA के कई वैज्ञानिको ने Moon के Dark Side में मौजूद Crater पर विशालकाय Radio Telescope स्थापित करने का सुझाव दिया है | इसपर रूचि दिखाते हुए हाल ही में NASA’s Institute for Advanced Concepts यानी NIAC को इस तरह के किसी विशालकाय Radio Telescope को Moon पर स्थापित करने के Project के Feasibility का अध्यन करने के लिए Funding मिली है |
इस Feasibility Study के दौरान वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश करेंगे की इस तरह के किसी विशालकाय Telescope को Moon पर Install करने में कितना खर्च आ सकता है, इसे Moon पर Install करना संभव है या नहीं, यह Install करने के बाद कितने सालो तक काम कर सकता है, और इसके Maintenance में कितना खर्च आ सकता है आदि |
Moon पर Radio Telescope बनाने के फायदे
Moon पर प्रस्तावित इस Radio Telescope को Lunar Crater Radio Telescope नाम दिया गया है जिसका मुख्य मकशद Cosmic Dark Ages के बाद निकले Long Wavelength Radio Waves का अध्यन करना होगा | Big Bang के तुरंत बाद हमारा Universe कई Dense गैसों से भरा हुआ था जिसमे Hydrogen गैस प्रमुख था |
इन गैसों के जरिये बाद में जाकर हमारे ब्रम्हांड के पहले First Generation Stars का निर्माण हुआ था | ऐसे में हम इस Period के दौरान निकले Long Wavelength Radio Waves का अध्यन कर हमारे ब्रम्हांड में जन्मे शुरुआती तारो, हमारे ब्रम्हांड के जन्म और शायद Dark Matter के बारे में भी कई अहम् जानकारिया जुटा सकते है |
Moon पर Radio Telescope और धरती पर मौजूद Radio Telescopes
पर ब्रम्हांड के जन्म के समय निकले इन Long Radio Wavelengths का अध्यन करने के लिए हमें एक बेहद ही शक्तिशाली और Sensitive – Radio Telescope की जरुरत होगी | ऐसे में वैज्ञानिक Moon के Dark Side में मौजूद 3 Kilometer विशाल Crater पर करीब 1 Kilometer विशालकाय Radio Telescope का निर्माण करना चाहते है |
Comparison के लिए हमारे धरती पर मौजूद सबसे विशालकाय Radio Telescope — Five-hundred-meter Aperture Spherical Telescope है जो की करीब 500 मीटर विशाल है | वही Arecibo Observatory धरती पर मौजूद दूसरा सबसे विशाल Radio Telescope था जो की करीब 305 मीटर विशाल था |
धरती पर मौजूद ये विशालकाय Telescope कई हज़ारो Reflecting Panels से बने हुए होते है जो की Radio Waves को Cables से लटके हुए इसके Main Receiver की और भेजते है | पर अपने विशालकाय आकर के बावजूद धरती पर मौजूद ये विशालकाय Telescopes भी 14 फ़ीट से ऊपर Wavelength का अध्यन कर पाने में सक्षम नहीं है |
Moon पर Radio Telescope का निर्माण
सामान्य तौर पर धरती पर मौजूद इन Radio Telescopes के निर्माण के लिए कई अलग अलग तरह के Instruments और बेहद ही ज्यादा Raw Material की जरुरत होती है | ऐसे में Moon पर इसी तरह के Radio Telescope के निर्माण के लिए जरुरी हज़ारो Reflective Panels और दूसरे Raw Materials को Moon तक Transport करना बेहद ही चुनौतीपूर्ण और महंगा होगा जिसके लिए सैकड़ो Launches की जरुरत होगी |
Radio Telescope बनाने में Wire Mesh का उपयोग
इससे बचने के लिए वैज्ञानिको ने कुछ ऐसे तरीके सुझाये है जिनके जरिये हम बेहद ही कम Resources का उपयोग करते हुए Automatic Robots की मदद से Moon पर Lunar Telescope का निर्माण कर सकेंगे | इसमें सबसे बड़ा सुझाव यह है की धरती पर मौजूद Telescope के निर्माण में उपयोग होने वाले हज़ारो Reflective Panels की जगह Lunar Telescope को बनाने में Wire Mesh का उपयोग किया जाएगा |
Wire Mesh के जरिये Crater के Center में एक तरह के Reflective Shield का निर्माण किया जाएगा जो की Radio Waves को इसके Receiver की ओर भेजने का काम करेगा |
Radio Telescope के निर्माण की और पहला कदम
सबसे शुरुआती Mission के जरिये सबसे पहले Lunar Telescope के निर्माण के लिए जरुरी Thin Wire Mesh को Moon के Surface तक ले जाएगा | जिसके बाद एक दूसरा Mission NASA के DuAxel Rovers को Moon तक ले जाने का काम करेगा |
NASA का DuAxel Rover
NASA का DuAxel Rover पहली बार में देखने पर एक सामान्य सा Rover नज़र आता है, पर यह एक बेहद ही खास Rover है जो की दो अलग अलग Modes में काम कर सकता है | पहले Mode में यह किसी अन्य Rover की तरह ही अध्यन ओर दूसरे काम करने में सक्षम है | पर दूसरे Mode में यह Rover दो अलग अलग हिस्सों में बट जाता है |
जहा इसका मुख्य हिस्सा उसी जगह पर बना रहता है तो वही Cable से जुड़ा हुआ इसका दूसरा हिस्सा ऐसे जगहों पर जाकर अध्यन और दूसरे काम करने में सक्षम है जहा किसी दूसरे Rover या इंसान का पहुंच पाना मुमकिन नहीं है | ऐसे में यह Rover वैज्ञानिको को Moon के विशाल और खतरनाक Crater पर Radio Telescope को Install करने में काफी मदद कर सकता है |
Astronaut in moon looking at earth
Moon पर Radio Telescope बनाने में चुनौतियां
पर इस प्रस्तावित Mission के सामने कुछ चुनौतियां भी मौजूद है जैसे की इस Mesh Network का Design और Structure बेहद ही सटीक होना चाहिए ताकि Radio Telescope सही तरीके से काम कर सके | और दूसरा की यह Mesh हमारे चाँद के बेहद ही उतार चढाव वाले Temperature को सहने में सक्षम हो |
क्यूंकि कोई भी Atmosphere मौजूद नहीं होने के कारण हमारे Moon का Surface Temperature दिन के समय 127 Degree Celsius तो रात के समय माइनस 173 Degree Celsius चला जाता है | ऐसे में Moon का यह Variable Temperature – Lunar Radio Telescope के सभी Instruments के लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है |
अभी तक NASA ने Lunar Crater Radio Telescope को पूरी तरह मंजूरी नहीं दी है , ऐसे में इसे मंजूरी मिलने और एक हकीकत बनने में काफी ज्यादा समय लग सकता है | पर NIAC को मिले Fund से यह साफ़ है की इससे Lunar Telescope के अध्यन में काफी तेजी आएगी | और अगर सबकुछ ठीक रहा तो यह आने वाले कुछ सालो में एक NASA Mission का रूप ले सकता है |
पृथ्वी के Radio Disturbance से दूर Moon के Dark Side में मौजूद यह विशालकाय Radio Telescope अगर हकीकत बन जाता है तो यह आने वाले समय में हमारे Origin और हमारे भविष्य को काफी हद तक समझने में मदद कर सकता है | ऐसे में NASA के इस Radio Telescope के बारे में आपका क्या सोचना है हमें नीचे Comment कर जरूर बताये |