Space and UniverseSpace News

Voyager ने खींची New Horizons की तस्वीर | Voyager captures New Horizons in space

In this article we will discuss how NASA's Voyager Mission able to capture Image of NASA's New Horizons Mission in Space.

Share this

Pluto हमारे सौरमंडल के बाहरी छोर में मौजूद एक Dwarf Planet यानी बौना ग्रह है जिसकी खोज 1930 में की गयी थी | 2006 में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने इस Dwarf Planet का अध्यन करने के लिए New Horizons मिशन Launch किया जिसने 2015 में इसके Flyby को अंजाम दिया | जिस दौरान इस मिशन ने Pluto के Surface ,Atmosphere और उसके Moons का करीबी से अध्यन किया |

Voyager ने खींची New Horizons की तस्वीर | Voyager captures New Horizons in space

New Horizons Pluto Flyby
New Horizons Pluto Flyby

New Horizons मिशन और वर्तमान समय में पृथ्वी से दुरी

धरती से Launch किये जाने के करीब 15 सालो सालो बाद New Horizons मिशन अब हमारे सूर्य से करीब 50 AU की दुरी को पार चूका है | यह दुरी इतनी ज्यादा है की किसी प्रकार के Signal को New Horizons मिशन से हमारी धरती तक पहुंचने में करीब 6.5 घंटो का समय लग जाता है | यह वर्तमान समय में हमारी धरती से सबसे ज्यादा दुरी में मौजूद पांचवा Spacecraft है |

इस मौके को ख़ास बनाने के लिए New Horizons मिशन ने अपने कैमरे Voyager 1 मिशन की ओर घुमाये और इसके Star Field की तस्वीरें ली | यह पहली बार था जब कोई Spacecraft – Interstellar Space में मौजूद किसी दूसरे Spacecraft की तस्वीर ले रहा था | ऐसे में आखिर New Horizons मिशन ने Pluto पर क्या खोजा , कैसे इसने Voyager 1 की तस्वीरें ली और वो कौन से मिशन है जो की इस Spacecraft से भी ज्यादा दुरी पर मौजूद है |

Pluto and Kuiper Belt
Pluto and Kuiper Belt

Kuiper Belt और वह मौजूद Dwarf Planet Pluto

हमारे सौरमंडल के Outer Region में मौजूद Neptune ग्रह से परे एक ऐसा छेत्र मौजूद है जहा कई सारे Dwarf Planets और विशालकाय Asteroids मौजूद है इस Region को Kuiper Belt के नाम से जाना जाता है | Pluto – Kuiper Belt में मौजूद एक Dwarf Planet है जिसकी खोज 1930 में की गयी थी |

खोज के समय Pluto को एक ग्रह के श्रेणी में रखा गया था , पर जब हमने धीरे धीरे हमारे सौरमंडल के बारे में और जानना शुरू किया तब हमें पता चला की Pluto की तरह ही हमारे सौरमंडल में सैकड़ो Small Planets मौजूद है |

Pluto and Kuiper Belt
Pluto and Kuiper Belt

ऐसे में 2006 में आख़िरकार Pluto को ग्रहो के श्रेणी से हटाकर एक Dwarf Planet यानी का दर्जा दे दिया गया | Pluto हमारे पृथ्वी से काफी ज्यादा दुरी पर मौजूद है जिसकी वजह से मानव इतिहास के सबसे शक्तिशाली Hubble Space Telescope भी इस Dwarf Planet का अध्यन करने और तस्वीरें लेने में नाकाम रहा | ऐसे में वैज्ञानिक ने हमारे सौरमंडल के बाहरी छेत्र में मौजूद Kuiper Belt और dwarf Planet Pluto का अध्यन करने के लिए New Horizons मिशन पर काम करना सुरु किया |

New Horizons Probe
New Horizons Probe

New Horizons मिशन Launch और सफर | New Horizons Launch and Journey

New Horizons मिशन को जनवरी 2006 में Atlas V rocket के जरिये Launch किया गया था | Launch के बाद यह Spacecraft April 2006 में मंगल ग्रह के Orbit और फरवरी 2007 में हमारे सौरमंडल के सबसे विशाल ग्रह Jupiter के करीब से होकर गुजरा |

Jupiter ग्रह के Flyby के दौरान इसने Jupiter ग्रह के Gravity का उपयोग करते हुए Gravity Assist – Technique के जरिये अपनी Speed को बढ़ाने का काम किया ताकि यह Outer Solar System तक अपना बेहद ही लम्बा सफर तय कर सके |

Nasa New Horizons Space Mission
Nasa New Horizons Space Mission

New Horizons Flyby of Pluto and Discoveries

करीब 9 सालो के लम्बे सफर के बाद जनवरी 2015 में New Horizons मिशन ने Pluto की तरफ अपने Approaching Phase की शुरुआत की | जिसके बाद July 2015 में यह Spacecraft – Pluto के Surface से केवल 7,800 kilometers ऊपर से होकर गुजरा | जिस दौरान New Horizons ने Pluto के Surface , Atmosphere , Sub Surface और उसके Moons का बेहद ही करीबी से अध्यन किया |

Pluto Surface
Pluto Surface

Pluto के Surface की सबसे खास बात थी इसके Center में मौजूद करीब 1000 किलोमीटर विशाल heart-shaped nitrogen glacier , जो की हमारे सौरमंडल में खोजा गया अब तक का सबसे विशाल Glacier है | शुरू में माना जाता था की Pluto एक icy dwarf planet है जो की लाखो सालो से in active है | पर New Horizons मिशन द्वारा जुटाए गयी जानकारियों से हमें पता चला है सूर्य से बेहद ही दूर होने के बावजूद Pluto एक active solar body है जहा एक Nitrogen rich Atmosphere मौजूद है |

वैज्ञानिको को यहाँ Surface पर Organic Molecules और Nitrogen Ice से जमे हुए कई किलोमीटर विशाल पहाड़ो का भी पता चला है | साथ ही काफी सम्भावना है की इसके कई किलोमीटर विशाल मोठे बर्फ के पर्त के नीचे Sub Surface Liquid Water के महासागर मौजूद हो सकते है |

New Horizons Arrokath Flyby
New Horizons Arrokoth Flyby

New Horizons का नया मिशन और Arrokoth का Flyby

Pluto के Flyby को अंजाम देने के बाद New Horizons मिशन धरती से 6.4 Billion दूर Kuiper Belt में मौजूद अपने अगले Target – Arrokoth की ओर बढ़ गया | इस Flyby का मुख्य उद्देश्य इस Mysterious object के surface geology, surface temperature, sub surface और इसके किसी Satellite या rings का अध्यन करना था |

करीब 4 सालो के लम्बे सफर के बाद आखिरकार जनवरी 2019 में New Horizons इस Mysterious Object के करीब पंहुचा | Flyby के दौरान यह Spacecraft – Arrokoth के Surface से मात्र 3,500 किलोमीटर ऊपर से होकर गुजरा जिस दौरान इस Spacecraft ने इस reddish , snowman-like shaped object का करीबी से अध्यन किया |

New Horizons Flyby
New Horizons Flyby

Pluto और Arrokoth Asteroid के Flyby को अंजाम देने के बाद New Horizons मिशन अब Kuiper Belt में अपने अगले Target की खोज में लगा हुआ है | New Horizons मिशन से जुड़े हुए वैज्ञानिक वर्तमान समय में इसके अगले Target की खोज में लगे हुए है |

जिसके लिए उन्होंने कई Ground Based Telescopes की मदद से Kuiper Belt में मौजूद कई Objects की पहचान की है | ऐसे में वैज्ञानिक जल्द ही Kuiper belt Object मौजूद New Horizons मिशन के अगले Target की घोसणा कर सकते है |

New Horizons Pluto Flyby
New Horizons Pluto Flyby

New Horizons Spacecraft की मौजूदा स्तिथि और भविस्य

धरती से Launch किये जाने के करीब 15 सालो सालो बाद New Horizons मिशन अब हमारे सूर्य से करीब 50 AU की दुरी को पार चूका है | यह दुरी इतनी ज्यादा है की किसी प्रकार के Signal को New Horizons मिशन से हमारी धरती तक पहुंचने में करीब 6.5 घंटो का समय लग जाता है |

यह वर्तमान समय में हमारी धरती से सबसे ज्यादा दुरी में मौजूद पांचवा Spacecraft है इसके अलावा Pioneer 10 , Pioneer 11 , Voyager 1 और Voyager 2 ही ऐसे मिशन है जो की हमारी धरती से इतनी ज्यादा दुरी पार कर चुके है |

Nasa Voyager Mission
Nasa Voyager Mission

Pioneer and Voyager Missions to Study Solar system

Pioneer 10 मिशन को 1972 में launch किया गया था जो की Jupiter और मंगल ग्रह के बीच मौजूद Asteroid Belt को पार कर Jupiter ग्रह का अध्यन करने वाला पहला मिशन बना | जिसके बाद 1990 में यह Spacecraft हमारे सूर्य से 50 AU की दुरी को पार करने वाला पहला मिशन बना | Pioneer 10 मिशन वर्तमान समय में हमारी धरती से करीब 129 AU की दुरी पर मौजूद है |

वही 1973 में इसके जुड़वाँ Pioneer 11 मिशन को लांच किया गया जो की Jupiter ग्रह के बाद शनि ग्रह का अध्यन करने वाला पहला मिशन बना | Pioneer 11 मिशन ने 1991 में हमारी धरती से 50 AU की दुरी को पार किया और यह वर्तमान समय में हमारी धरती से 105 AU की दुरी पर मौजूद है |

Voyager and Stars
Voyager and Stars

जिसके बाद 1977 में Pioneer मिशनों की तर्ज पर हमारे सौरमंडल के Outer Planets का अध्यन करने के लिए Voyager 1 और Voyager 2 मिशनों को Launch किया गया | इन मिशनों का मुख्या मकशद हमारे सौरमंडल के Outer Region में मौजूद Jupiter , Saturn , Neptune और Uranus जैसे ग्रहो और उनके Moons का करीबी से अध्यन करना था | पर अपने Primery मिशनों को अंजाम देने के बाद अब ये मिशन हमारे सौरमंडल के Outer Region यानी Helipause को पार कर Interstellar Space में प्रवेश कर चुके है |

Voyager exploration of solarsystem
Voyager exploration of solarsystem

Voyager Interstellar Mission की मौजूदा स्तिथि

Voyager 1 मिशन अगस्त 2012 में हमारे सौरमंडल के Outer Region यानी Helipause को पार कर Interstellar Space में प्रवेश किया | और यह वर्तमान समय में हमारे पृथ्वी से करीब 152 AU की दुरी पर मौजूद है | वही इसके जुड़वाँ Voyager 2 मिशन ने नवम्बर 2018 में हमारे सौरमंडल को पार कर Interstellar Space में प्रवेश किया था और यह वर्तमान समय में हमारी धरती से 127 AU की दुरी पर मौजूद है |

Voyager मिशनों को मानव इतिहास के अबतक के सबसे सफल मिशनों में से एक माना जाता है जो की आज करीब 43 सालो बाद भी सही तरीके से काम कर रहे | वैज्ञानिको का अनुमान है की ये Mission 2025 तक हमारे संपर्क में रहेंगे जिसका बाद इन्हे इस ब्रम्हांड का अंतहीन सफर अकेले ही करना होगा |

Voyager spacecraft
Voyager spacecraft

1990 में Voyager 1 मिशन हमारी धरती से करीब 40 AU की दुरी को पार कर चूका था ऐसे में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने इस ख़ास मौके पर इस Spacecraft के कैमरे को Inner solarsystem और हमारी धरती की ओर मोड़ने का फैसला किया | जिसके बाद Voyager 1 ने हमारे Inner Solarsystem की एक mosaic image ली जिसे Family Portrait के नाम से जाना जाता है | इस तस्वीर में हम हमारे सौरमंडल के 6 planets – Venus , Earth , Jupiter , Saturn , Neptune और Uranus ग्रहो को साफ़ साफ़ देख सकते है |

New Horizons Captures Voyager
New Horizons Captures Voyager

New Horizons Captures Voyager Images

ऐसे में जब NASA के New Horizons मिशन ने 17 April को हमारे सूर्य से 50 AU की दुरी को पार किया तो वैज्ञानिको ने Voyager 1 की तरह ही इस खास मौके पर इसके कैमरे से तस्वीर लेने का फैसला किया | पर सूर्य से 50 AU की दुरी को पार कर चूका New Horizons मिशन Voyager की तरह हमारे Inner Solar System की तस्वीर नहीं ले सकता था |

क्यूंकि अगर इसके long-range reconnaissance imager को हमारे Inner Solar System की ओर मोड़ा जाता तो सूर्य के brightness से उसके कैमरे को नुक्सान हो सकता था | ऐसे में New Horizons मिशन पर काम कर रहे वैज्ञानिको ने हमारे सौरमंडल को पार चुके Voyager 1 मिशन की तस्वीर लेने का फैसला किया |

Voyager in Interstellar Space
Voyager in Interstellar Space

यह पहला मौका था जब Space में मौजूद एक Spacecraft , Interstellar Space में मौजूद दूसरे Spacecraft की तस्वीर ले रहा था | हालाँकि इस तस्वीर में हम Voyager 1 मिशन को नहीं देख सकते क्यूंकि वह काफी faint है पर हम इसके star field को साफ़ साफ़ देख सकते है | Voyager 1 Spacecraft के actual position का अनुमान लगाने के लिए NASA ने अपने radio tracking की मदद ली थी |

Pluto and New Horizons
Pluto and New Horizons

New Horizons का भविस्य | Future of New Horizons Mission

2006 में Launch किये गए New Horizons मिशन को Space में अब 15 सालो का समय हो चूका है पर अभी भी इसके सफर का अंत नहीं हुआ है | New Horizons मिशन को Energy इसके Radioisotope thermoelectric generator से मिलती है जो की plutonium 238 के radio decay से निकलने वाले heat को electricity में बदलता है |

RTGs का इस्तेमाल Nasa के दूसरे Deep Space Probes जैसे की Voyager 1 , Voyager 2 , Pioneer 1 और Pioneer 2 को Power देने के लिए किया गया था | Spacecraft में अभी भी काफी Fuel मौजूद है जो की 2030 तक इस मिशन को Active रख सकता है |

पर ऐसा नहीं है की यह इस मिशन का अंत हो जाएगा , धरती से संपर्क टूटने के बाद भी यह Spacecraft सौरमंडल के आखिरी छोर तक अपना सफर जारी रखेगा | इसके वर्तमान Speed को देखते हुए वैज्ञानिको का अनुमान है की यह Spacecraft – 2043 में हमारे सौरमंडल को छोड़कर Interstellar Space में प्रवेश कर लेगा |

Universe Hindi

Geetesh Patel is a Science enthusiast, he has a successful running youtube channel with over 1 Million Subscriber. And he Owns Universe Hindi and other Blogs and Websites.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button