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जब मानव जाती डायनासोर की तरह लुप्त होते होते बची | Tunguska Event – Possible Human Extinction Hindi

In this article we will discuss about Tunguska event, which was possibly one of the biggest explosion on earth.

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आप सभी को तो यह पता ही होगा की हमारे धरती पर राज करने वाले सबसे विशालकाय जीवो यानी Dinosaurs का अंत एक विशालकाय Asteroid के हमारे धरती से टकराने की वजह से हुआ था | पर आपको यह जानकर आशचर्य होगा की हमारे पूर्वज भी Dinosaur जैसे Extinction के बेहद ही करीब थे और काफी संभावना थी की उस समय हमारे धरती पर इंसानो का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता | यह घटना आज से करीब 100 सालो पहले की है जब हमारे धरती पर एक बेहद ही बड़ा विस्फोट हुआ था जो की 1945 में Hiroshima में गिरे गए Nuclear Bomb से भी करीब 1000 गुना ज्यादा शक्तिशाली था |

पर इसके बारे में बेहद ही कम लोग जानते है क्यूंकि यह रूस के एक बेहद ही वीरान जगह पर हुआ था और साथ ही उस समय कोई Internet भी मौजूद नहीं था जो की इस खबर को दुनियाभर में फैला सके | पर आखिर ये विस्फोट कैसे हुआ था ? क्या यह Military द्वारा किया गया कोई Nuclear Test था या कोई Asteroid हमारे धरती से टकराया था या फिर यह दूसरी दुनिया से आये Aliens की कोई चाल थी | इस घटना के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस Article को पूरा पढ़े |

Tunguska Event क्या है और यह कब हुआ

यह घटना रूस के दूर दराज Siberian Region की है जो की मुख्य रूप से जंगलो से भरा पड़ा है जहा केवल कुछ निवासी ही रहते है | 30 June 1908 को सुबह 7 बजे यहाँ के निवासी एक भयानक विस्फोट चलते अपने बिस्तर से उठ खड़े हुए | विस्फोट के कुछ Seconds के बाद ही वहा एक Shockwave फ़ैल गया |

जिसके चलते वहा मौजूद घरो की खिड़किया और कांच टूट गए जिसने वहा रहने वाले सभी लोगो को जमीन पर लेटने पर मजबूर कर दिया | यह विस्फोट इतना भयानक था की वहा काम कर रहे किसानो ने इस विस्फोट को दुनिया का अंत बताया, उनके अनुसार विस्फोट के केवल कुछ Minute के बाद ही Tunguska का पूरा जंगल आग की लपटों में समा गया था |

Tunguska Blast
Tunguska Blast

इस आग को काबू कर पाना नामुमकिन था और साथ ही Pacific Ocean से आने वाली तेज हवाओ की वजह से यह आग तेजी से दूसरे हिस्सों में बढ़ती जा रही थी | ऐसे में वहा रहने वाले लोगो को अपनी जान बचाने के लिए अपने घर और जंगलो को पीछे छोड़कर दूसरे सुरक्षित जगहों में जाना पड़ा |

घटना ने मचाई थी भरी तबाही | Tunguska Blast Impact

उनके अनुसार जंगलो की यह आग करीब 3 दिनों बाद शांत हुई और जब वह लौटे तो उनका घर और कई Kilometer जंगल राख बन चूका था, उन्होंने इस मंज़र की तुलना धरती पर मौजूद नर्क से की |

यह विस्फोट संभवतः धरती पर हुए अब तक के सबसे बड़े विस्फोट में से एक थी पर फिर भी इसके बारे में बेहद ही कम लोग जान पाए क्यूंकि यह एक बेहद ही Remote यानी वीरान जगह पर हुआ था जिसके कई हज़ारो Kilometer तक न तो कोई बड़ा शहर मौजूद है और न ही कोई बड़ी आबादी |

Tunguska Illustration
Tunguska Illustration

Hiroshima Nuclear Bomb से भी शक्तिशाली था यह विस्फोट

इस घटना के चलते उस छेत्र में मौजूद करीब 8 करोड़ पेड़ पूरी तरह जलकर राख हो गए साथ ही विस्फोट के Center से लेकर करीब 2000 Kilometer Radius के छेत्र में इस विस्फोट का असर दिखाई दिया | इस महाविस्फोट के Impact और इसके द्वारा हुए तबाही को देखते हुए वैज्ञानिको ने अनुमान लगाया है की यह Explosion 1945 में Hiroshima में गिरे गए Nuclear Bomb से भी करीब 1000 गुना ज्यादा शक्तिशाली था |

यानी अगर हम Hiroshima में गिरे गए परमाणु बम जैसे 1000 बमो को एक जगह पर विस्फोट करे तब हमें इस स्तर की तबाही देखने को मिलेगी | इस तुलना से आप यह अंदाज़ा तो लगा ही सकते है की हम यहाँ पर कितने बड़े और भयानक विस्फोट की बात कर रहे है |

इस छेत्र में रहने वाले ज्यादातर स्थानीय लोंगो ने इस जगह से पलायन कर लिया क्यूंकि उन्हें डर था की यह इस तरह का विस्फोट भविस्य में और भी हो सकता है | पर साथ ही उनके यहाँ रहने के लिए जरुरी जंगल और जीव इस विस्फोट के चलते तबाह हो चुके थे ऐसे में उनके पास इस जगह को छोड़कर जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था |

Tunguska Impact Site
Tunguska Impact Site

विस्फोट के पीछे का कारण क्या था | Reason behind Tunguska Blast

कुछ का मानना था की यहाँ भगवान् का कोई सन्देश या श्राप था वही कुछ लोगो का मानना था की यह रूस की Army द्वारा किया गया कोई Weapon Testing था | लोगो की इस बातचीत को वैज्ञानिको के कानो तक पहुंचने में कई सालो का समय लग गया इससे आप अंदाज़ा लगा सकते है की यह कितना एकांत और दूरदराज जगह है |

आखिरकार 13 सालो बाद 1921 में रूस के वैज्ञानिको का एक दल इस विस्फोट वाले छेत्र का अध्यन करने पंहुचा | उस समय तक ज्यादातर स्थानीय लोग Gold Miners द्वारा खदानों में किये जा रहे विस्फोटो को इस घटना का कारण मानते थे | पर उस समय तक किसी के भी पास इतनी मात्रा में TNT मौजूद नहीं थी की वो इस बड़े लेवल का विस्फोट कर सके जिसने इस सम्भावना को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया | ज्यादातर वैज्ञानिको का मानना था की यह विस्फोट एक Meteorite के हमारे धरती से टकराने की वजह से हुआ था ऐसे में उन्होंने इस Meteorite के अवसेसो को ढूँढना सुरु किया |

पर कई सालो तक अध्यन और खोज करने के बावजूद उन्हें इस Meteorite के कोई अवशेष नहीं मिले जिसने उनके इस Meteorite वाले Theory पर प्रशन चिन्ह लगा दिए | और वैज्ञानिक फिर एक बार यह सोचने पर मज़बूर हो गए की आखिर वह क्या चीज थी जिसने इस जगह पर इतना बड़ा विस्फोट किया था |

Tunguska Event को लेकर Theories

ऐसे में दुनियाभर के वैज्ञानिको ने इस घटना को लेकर कई अलग अलग तरह की Theories देना सुरु कर दिया | कुछ वैज्ञानिको का मानना था की इस घटना को अब करीब 13 साल हो चुके है ऐसे में हो सकता है की इस Meteorite के अवशेष समय के साथ जमीन में कई Feet तक नीचे दब चुके होंगे | जो की कई हद तक संभव तो है पर ऐसा होने में इससे भी ज्यादा कई दशकों का समय लग जाता है |

अध्यन के दौरान वैज्ञानिको को Tunguska River के करीब इस विस्फोट का Center Zone मिला जिससे की यह साफ़ हो गया की यह कोई चीज थी जो की Space से आकर हमारे धरती से टकराई थी | कुछ Soviet वैज्ञानिको का मानना था की यह एक Meteorite Impact ही है पर हो सकता है की यह Meteorite हमारे धरती के Atmosphere में दाखिल होने के बाद ही तबाह हो गया था और केवल इसका मलबा हमारे पृथ्वी से टकराया था |

वही FJW Whipple नाम के एक British वैज्ञानिक का मानना था की Tunguska जगह से जो चीज टकराई थी वह कोई Meteorite नहीं बल्कि एक Comet थी | और इसी वजह से वैज्ञानिको को इस Impact के कोई अवशेष नहीं मिल पाये |

जहा Meteorite – Iron और दूसरे Heavy Minerals से बने हुए होते है वही Comets मुख्य रूप से Ice और Dust से बने हुए होते है ऐसे में ये अपने पीछे कोई अवशेष नहीं छोड़ते | पर अगर यह कोई Comet होता, तो वह हमारे पृथ्वी के Atmosphere में ही जलकर नष्ट हो जाता और जमीन पर विस्फोट के इतने बड़े निशान नहीं बना पाता | जिसके साथ ही British वैज्ञानिक की इस Theory को भी दूसरे वैज्ञानिको द्वारा नकार दिया गया |

Tunguska Event
Tunguska Event

एक दूसरी रोचक और बेहद ही रोमांचक Theory – Astrophysicist – Wolfgang Kundt ने सामने रखी | उनके अनुसार यह विस्फोट करीब 10 Million टन Natural Gas के अचानक धरती के Crust से release होने की वजह से हुई थी | यह कुछ हद तक संभव तो है पर यहाँ एक सोचने वाली बात यह है की विस्फोट के बाद एक शक्तिशाली Shockwave निकला था जो की Natural Gas के हमारे धरती के Crust से निकलने की स्तिथि में सभव नहीं है |

साथ ही अगर इस मात्रा में Natural Gas हमारे धरती के Crust से निकलता तो उस जगह पर एक बड़ा गड्ढा बन जाता, पर वैज्ञानिको को खोज में ऐसा कुछ दिखने को नहीं मिला | जिसके साथ ही इस Theory ने भी दम तोड़ दिया |

2009 में कुछ Modern Scientists ने दुनिया के सामने इस घटना को लेकर एक नयी Theory सामने रखी | उनके अनुसार यह भयानक विस्फोट हमारे आकाशगंगा में हुए Matter और Antimatter के Collide होने की वजह से हुआ था | इस घटना के दौरान ये Particles तेज गति से एक दूसरे से टकराये जिसने बेहद ही ज्यादा मात्रा में Energy Produce की | यह कुछ हद तक संभव है साथ ही इस घटना में बेहद ही ज्यादा मात्रा में Energy भी निकलेगी, पर ऐसी घटना बेहद ही Rare होती है जिसे देख पाना या इसका पता लगा पाना बेहद ही मुश्किल होता है |

पर 2013 में Ukraine के National Academy Of Science में मौजूद वैज्ञानिको के एक दल ने इनमे से ज्यादातर सम्भावनाओ और Theories पर विराम लगा दिया | वैज्ञानिको ने विस्फोट के Center वाले जगह में मौजूद Rock Samples का Microscopic Level पर अध्यन किया, जिसमे उन्हें इनके Meteorite Origin का पता चला | पर यह खोज भी इस सवाल का जवाब नहीं ढूंढ पायी की आखिर Meteorite का इतना मलबा आखिर कहा गया |

विस्फोट के Size और Impact को देखते हुए वैज्ञानिको का अनुमान है की यह Meteorite करीब 100 feet तक विशालकाय रहा होगा | ऐसे में अगर इस Size का कोई Meteroit हमारे धरती से टकराता तो यह Impact वाले जगह पर करीब 100 फ़ीट लम्बा और 20 feet गहरा गड्ढा कर देता | पर इस घटना और विस्फोट के Center में वैज्ञानिको को कोई गड्ढा नहीं मिला बल्कि इसका Impact Center तो बेहद ही Flat है जो की वैज्ञानिको की अब तक की सभी Theories और सम्भावनाओ में Fit नहीं बैठता |

Henry Gris और William Dickk ने अपनी किताब “The New Societ Psychic Discoveries” में इस घटना को लेकर एक अलग ही Theory दुनियाभर के सामने रखी | उनके अनुसार यह कोई Meteorite Impact नहीं था और न ही किसी प्रकार का Natural Phenomenon था क्यूंकि इसने जमीन पर किसी प्रकार का गड्ढा नहीं किया था | उनके अनुसार यह दूसरी दुनिया से भेजा गया एक छोटा Compact Nuclear Device था जिसे Aliens द्वारा जानभूझकर एक वीरान और Inhabitable जगह पर Explode गया था | इस Explosion के जरिये वो हम इंसानो को यह बतलाना चाहते थे की हम इन ब्रम्हांड में अकेले नहीं है और धरती से परे भी Intelligent Life मौजूद है |

Tunguska
Tunguska

क्या Tunguska Event Aliens की साजिस थी?

इस Book में यह भी दावा किया गया है की विस्फोट के कुछ मिनटों पहले वहा मौजूद लोगो ने इस जगह के ऊपर विचित्र आकृत्यों को मंडराते हुए देखा था | उनके अनुसार यह कुछ हद तक किसी Alien Spaceship के Fight सीन की तरह था जिसके कारण आसमान में करीब 800 Kilometer विशाल Zig Zag आकृत्या बन गयी थी |

और हो सकता है की इसी Fight के दौरान उनका Spaceship धरती के Atmosphere में ही तबाह हो गया जिसने इतने भयानक विस्फोट को जन्म दिया | खैर यह Theory – Reality से ज्यादा केवल एक Science Fiction Story ही लगती है |

Tunguska Event का कारन एक Asteroid

हाल ही में वैज्ञानिको के एक दल ने एक नयी और बेहद ही Accurate Theory दुनियाभर के सामने रखी उनके अनुसार यह कोई Meteroite नहीं बल्कि एक Asteroid था | पर अगर यह Asteroid हमारे धरती से टकराता तो यह जमीन पर कई मीटर विशालकाय गड्ढा कर देता पर क्या हो अगर यह Asteroid हमारे धरती से टकराया ही नहीं हो बल्कि यह केवल हमारे धरती के Atmosphere को छू कर चला गया हो |

Siberian federal University के वैज्ञानिक Daniil Khrennikov ने अपने Computer Simulation के जरिये एक बेहद ही तेज रफ़्तार और ताकतवर Asteroid की कल्पना की जो की केवल कुछ ही Seconds में हमारे धरती के Atmosphere को Touch का वापस अपने रास्ते पर चला गया | यह Simulation एक 200 मीटर विशालकाय Asteroid के ऊपर आधारित था जिसने करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ़्तार से हमारे धरती के Atmosphere में Enter किया था |

इस Theory के अनुसार हमारे धरती पर किसी प्रकार का Asteroid नहीं टकराया था | बल्कि एक बेहद ही विशालकाय और शक्तिशाली Asteroid हमारे धरती के Atmosphere में बेहद ही तेज रफ़्तार से दाखिल हुआ था जिसकी वजह से एक बेहद ही शक्तिशाली Air Burst पैदा हुआ जिसके हमारे धरती से टकराने की वजह से इतना बड़ा विस्फोट हुआ था | Asteroid जिस Angle से हमारे पृथ्वी के Atmosphere में दाखिल हुआ था उस Angle के चलते यह हमारे धरती से टकराने की जगह ऊपरी Stratosphere को छूता हुआ चला गया |

जब यह Asteroid हमारे Atmosphere में दाखिल हुआ तब हमारे पृथ्वी के Gravitational Force की वजह से इसका Speed कम होने लगा | और Einstein के Law of physics के अनुसार Energy न तो बनाई जा सकती है न ही Destroy की जा सकती है बल्कि यह केवल एक से दूसरे में Transmit की जा सकती है | इस Case में भी यही हुआ, इतने विशालकाय और शक्तिशाली Asteroid की Energy का कुछ हिस्सा Air Burst के जरिये हमारे धरती से टकराया जिसने इस भयानक विस्फोट को जन्म दिया |

यह Theory वैंज्ञानिको के दूसरी Theories से कही ज्यादा Accurate है जो यह भी Explain करती है की कैसे हमें जमीं पर किसी Cosmic Body के कोई अवशेष और गड्ढे नहीं मिले | पर यह सोचना बेहद ही डरावना है की यह Asteroid कितना ज्यादा शक्तिशाली था की केवल इसके Air Burst से हज़ारो Kilometer जितनी जगह पूरी तरह तबाह हो गयी | और क्या होता अगर यह हमारे धरती से सीधे आ टकराता | संभवतः वह Dinosaurs की तरह की इंसानो का भी आखिरी दिन होता |

Universe Hindi

Geetesh Patel is a Science enthusiast, he has a successful running youtube channel with over 1 Million Subscriber. And he Owns Universe Hindi and other Blogs and Websites.

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