12 अगस्त 2018 को NASA ने Parker Solar Probe लांच किया | जो कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए भेजा गया NASA का पहला Space Mission था | इसका मुख्य मकसद हमारे सूर्य के Solar corona और Solar wind का करीबी से अध्ययन करना है और इसी कड़ी में भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO भी सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक बेहद ही महत्वाकांक्षी मिशन पर काम कर रहा है जिसे Aditya L1 नाम दिया गया है या मिशन इसरो के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण Space missions में से एक होगा जिसका मकसद सूर्य के Solar wind , Solar corona , Space weather और Chromosphere का अध्ययन करना होगा | साथ ही इस मिशन में कई ऐसी खासियतें मौजूद है जो कि इसे ISRO के दूसरे Space Missions से इसे सबसे अलग बनाती है | तो नमस्कार दोस्तों आज के लेख में हम जानेंगे ISRO के Aditya L1 mission के बारे में |
कैसा होगा इसरो का Aditya L1 मिशन | Aditya L1 Mission to Study Sun
यह भारत का पहला Dedicated scientific mission होगा जिसे हमारे सबसे समीप के तारे यानी सूर्य का अध्ययन करने के लिए भेजा जाएगा | शुरू में इस मिशन के अंतर्गत एक 400 किलोग्राम वजनी Satellite को केवल एक Scientific payload के साथ धरती के Low earth orbit में स्थापित किया जाना था पर बाद में इस मिशन में कुछ बदलाव किए गए अब इस Satellite का कुल वजन करीब 1500 किलोग्राम होगा जिसमें कुल 7 Scientific Intruments मौजूद होंगे साथ ही अब इस सेटेलाइट को धरती के Low earth orbit की जगह धरती से करीब 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर मौजूद Lagrangian point 1 यानी L1 में स्थापित किया जाएगा इसी वजह से इस मिशन का नाम बदलकर Aditya L1 कर दिया गया है
Lagrangian point में किया जाएगा स्थापित | Aditya L1 Mission in Lagrangian Point L1
Lagrangian point स्पेस में मौजूद ऐसे पॉइंट होते हैं जहां किसी दो Space bodies जैसे की Earth और Sun का Gravitational Force किसी तीसरे Space body जैसे कि हमारे Satellite के Centrifugal force के बराबर होता है| Lagrangian Point में स्थापित किया जाने वाला कोई भी सेटेलाइट हमेशा सूर्य अध्ययन कर सकता है साथ ही उसे अपने Orbit में बने रहने के लिए भी बेहद ही कम Fuel का इस्तेमाल करना होता है और इसी वजह से भारतीय वैज्ञानिकों ने निर्णय लिया कि Aditya L1 Mission को ऐसे ही Lagrengian Point में स्थापित किया जाएगा
Aditya L1 मिशन का निर्माण एवं लांच | Aditya L1 Mission Construction and Launch
इस Satellite का निर्माण एक ज्वाइंट वेंचर के अंतर्गत किया जा रहा है जिसमें भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो और देश के कई नामी इंस्टिट्यूट जैसे कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स (बेंगलुरु) , टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (मुंबई) , इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (पुणे) शामिल है उम्मीद है कि 2019 तक यह Satellite पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद इस मिशन को 2020 में इसरो के PSLV Rocket के जरिए लांच किया जाएगा
Aditya L1 मिशन की खासियतें | Aditya L1 Mission Amazing Facts
शुरू में Aditya L1 Mission को केवल सूर्य के Outermost layer यानी Solar corona का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया था | यह सूर्य का Outermost layer है जो कि सूर्य के ऊपरी सतह से हजारों किलोमीटर दूर तक फैला हुआ है सबसे आश्चर्य की बात यह है कि Corona का तापमान कई Million degree kelvin तक चला जाता है जो कि इसके ऊपरी सतह के तापमान से हज़ारो गुना ज्यादा है | इसके Solar corona का तापमान इतना अधिक कैसे हैं यह आज भी Solar physics में चर्चा का विषय बना हुआ है जिसे आज तक सुलझाया नहीं जा सका है | पर बाद में जब इस मिशन में बदलाव किए गए तब इसमें कई और Scientific Instruments जोड़े गए |
Aditya L1 पहला मिशन होगा जो की सूर्य के Magnetic field का अध्ययन और उसकी Imaging करेगा जिससे हमें इसके Magnetic field और उसके Behaviour को जाने में काफी सहायता मिलेगी | साथ ही यह सूर्य से निकलने वाले खतरनाक Solar wind के origin और इसके Inter planetary सफर का भी अध्ययन करेगा कि कैसे ये Solar wind उत्पत्ति के बाद धरती तक का सफर तय करते है हम इन solar wind के बारे में जानकर इनसे होने वाले नुकसानों से बच सकते है | साथ ही इसमें कुल 7 Scientific payloads मौजूद होंगे जो के सूर्य के कई रहस्यों पर से पर्दा उठा सकता है | साथ ही यह मिशन सूर्य को समझने में वैज्ञानिको कि काफी मदद कर सकता है