- Given the size of Jupiter Planet many think that Jupiter is really a failed star present in our Solar System.
दोस्तों Jupiter यानी बृहस्पति ग्रह हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है | यह इतना विशाल है की हमारे सौरमंडल में मौजूद सभी ग्रह 2 बार इसमें समां सकते है | वही अगर इसके आकर की तुलना हम हमारे पृथ्वी ग्रह से करे तो हमारे पृथ्वी जैसे 1300 ग्रह आसानी से Jupiter ग्रह में समां सकते है | Jupiter ग्रह असल में एक विशालकाए Gas Gaint है जो की hydrogen और helium जैसे गैसों से मिलकर बना हुआ है |
इसके आकर को देखते हुए कुछ वैज्ञानिको का अनुमान है की यह असल में एक failed star हो सकता है जो की एक तारा बनते बनते रह गया | पर क्या असल में Jupiter ग्रह इतना विशालकाए है की यह एक तारा बन सकता है, और क्या होता अगर Jupiter सच में एक तारा होता | क्या तब भी हमारे धरती पर जीवन पनप पाता या हमारे धरती पर जीवन का अंत हो जाता | और इसका हमारे सौरमंडल और और दूसरे ग्रहो पर क्या असर होता |
सौरमंडल की उत्पत्ति और Jupiter ग्रह का निर्माण
दोस्तो आज से लगभग 4.5 बिलियन साल पहले विशाल गैस और dust के बादलो में हलचल शुरू हुई और यही से हमारे सौरमंडल के निर्माण की शुरुआत हुई |
जब सोलर सिस्टम और उसके बाकी हिस्सों का बनना शुरू हुआ , तब हमारे sun के formation के बाद बचा ज्यादातर हिस्सा एक जगह इकठ्ठा होने लगा और यही से jupiter ग्रह के निर्माण की शुरुआत हुई । सूरज के बनने के बाद बचे हुए mass का ज्यादातर हिस्सा jupiter ने ले लिया , यह mass बाकी solar bodies की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा था |
जिसके वजह से jupiter हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बन गया | माना जाता है Jupiter ग्रह के निर्माण की शुरुआत किसी तारे की तरह ही हुई थी क्यूंकि यह उन्ही elements से मिलकर बना हुआ जिससे किसी तारे का निर्माण होता है | Jupiter ग्रह पूरी तरह Hydrogen और helium जैसे गैसों से मिलकर बना हुआ है और इसी वजह से इसे Gas gaint भी कहा जाता है |
सूरज के निर्माण के बाद हमारे solar system में इतना mass नहीं बचा था की जिससे Jupiter ग्रह इतना विशाल और dense हो सके की यह किसी तारे के जैसे ignite हो सके यानि इसके अंदर तारे की तरह fusion शुरू हो सके |
Jupiter ग्रह के Moons | Jupiter Mini Solar System
चार बड़े चंद्रमाओं और कई सारे छोटे चंद्रमाओं के साथ, ऐसा लगता है की मानो जुपिटर एक प्रकार का mini सोलर सिस्टम है। Jupiter ग्रह के orbit में कुल 53 confirmed moons और 26 provisional moons मौजूद है जो की अपने आप में बेहद ही खास और रोमांचक है | Provisonal moons ,यानी कि ऐसे चंद्रमा जो अभी confirmed लिस्ट में शामिल नही किये गए है |
Jupiter के चार सबसे बड़े चंद्रमाओं के नाम है – IO, यूरोपा, गेनीमेड और कैलिस्टो। इनको पहली बार astronomer गैलीलियो गैलीली ने 1610 में दूरबीन का इस्तेमाल करके पहली बार देखा था। और इसी वजह से इन चार चंद्रमाओं को आज गैलिलियन सैटेलाइट्स के नाम से जाना जाता है |
क्या Jupiter ग्रह एक Failed Star है?
Jupiter को एक failed star भी कहा जाता है क्योंकि यह सूरज के जैसे ही हाइड्रोजन और हीलियम जैसे elements से मिलकर बना हुआ है लेकिन किसी भी तारे के चमकने के लिए हाइड्रोजन और हीलियम का fusion होना जरूरी है ।
Jupiter एक ग्रह के रूप में सबसे बड़ा है लेकिन वह एक तारे की तुलना में बहुत छोटा है और इतने कम surface और mass के कारण इतना pressure उत्पन्न नहीं हो पाता की हाइड्रोजन का हीलियम में fusion शुरू हो पाए। इस वजह से Jupiter को failed star भी कहा जाता है ,क्योंकि stars के समान elements होने के बावजूद भी यह fusion कराने में समर्थ नही हो सका |
Jupiter ग्रह और Brown Dwarfs
वैज्ञानिक Jupiter ग्रह की तुलना Brown Dwarfs से करते है | Brown Dwarfs जिन्हे failed stars भी कहा जाता है ऐसे विशाल solar bodies होते है जो की इतने विशाल होते है की इन्हे ग्रहो की श्रेणी में नहीं रखा जाता |
और ये इतने भी विशाल नहीं होते की इनमे मौजूद elements में किसी तारे की तरह fusion शुरू हो पाए | अभी तक जुटाई गयी जानकारियों के अनुसार किसी भी ग्रह को brown dwarf बनने के लिए हमारे Jupiter ग्रह से करीब 15 गुना ज्यादा Mass मौजूद होना होगा |
तारो को ऊर्जा कहा से मिलती है ?
अगर हम sun की बात करे तो हमारा सूर्य fusion के माध्यम से अपनी ऊर्जा पैदा करता है। विशाल गुरुत्वाकर्षण , हाइड्रोजन को इस point तक compress कर देता है कि high pressure और high temperature की वजह से hydrogen, helium में fuse होना शुरू हो जाता है । इसी process को fusion कहा जाता है और इससे पैदा हुई energy की वजह से ही सूरज को अपनी चमक मिलती है।
इतने बड़े process को अंजाम देने के लिए बहुत ही ज्यादा pressure और gravitational force की जरूरत होती है। लेकिन jupiter सूर्य के आकर से तुलना में काफी छोटा है साथ ही इसका mass किसी तारे के mass से हजारो गुना कम है |
लेकिन यह जरुरी नहीं है की कोई तारा हमारे सूर्य जितंना ही विशालकाए और dense हो | हमारे ब्रम्हांड में और भी ऐसे तारे मौजूद है जो की हमारे सूर्य की तुलना में काफी ज्यादा छोटे और कम चमकीले होते है जिन्हे Red dwarf stars भी कहा जाता है | हमारे ब्रम्हांड में खोजे गया अब तक का सबसे छोटा और कम Mass वाला Red Dwarf Star – EBLM J0555-57Ab है जो की हमारे सौरमंडल से करीब 600 light years की दुरी पर मौजूद है | यह Saturn ग्रह से थोड़ा ही बड़ा है पर इसका Mass jupiter ग्रह से करीब 80 गुना ज्यादा है |
क्या कई सारे Jupiter ग्रह तारे बन सकते है ?
यानी अगर हम 79 और jupiter size के planets को एक साथ merge करदे तो हमें हमारे सौरमंडल में दूसरा star मिल जाएगा | पर 80 Jupiter size planets को एक साथ मिलाकर बना यह तारा हमारे सूरज के आकर और रौशनी के मुकाबले कुछ नहीं होगा | भले ही इस नए तारे का mass 80 jupiter planets के बराबर होगा पर इसके बावजूद इसका आकर jupiter ग्रह के diameter के मुकाबले केवल 20 प्रतिशत ही बड़ा होगा |
क्यूंकि इसका extra mass इसे और भी dense बना देगा ताकि fusion के लिए जरुरी pressure और gravitational force पैदा किया जा सके | पर अगर किसी तरह Jupiter तारा बन जाता है तो यह एक Red Dwarf Star की श्रेणी में आएगा | दूसरे Red dwarf stars की तरह ही यह एक छोटा , ठंडा , हाइड्रोजन burning star होगा जो की सूरज के मुकाबले काफी कम चमकीला होगा |
अगर Jupiter ग्रह एक तारा बन गया तो धरती की क्या होगा ?
चूँकि Jupiter ग्रह सूरज के मुकाबले हमसे करीब 4 गुना ज्यादा दुरी पर करीब 588 million kilometer दूर मौजूद है | ऐसे में Jupiter के एक red dwarf star बन जाने के बाद भी हमारे पृथ्वी पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा | बहुत ज्यादा दुरी पर मौजूद होने के कारण इस तारे से हमें काफी कम रौशनी और heat के रूप में energy मिल पाएगी | साथ ही ज्यादा दुरी होने की वजह से इसके gravitational force का हमारे पृथ्वी पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा |
यानी सीधी भासा में कहा जाए तो Jupiter के एक तारा बन जाने का हमारे पृथ्वी और इसपर मौजूद Life पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा | आप हमारे सौरमंडल में मौजूद दूसरे तारे को आसानी से हमारे आसमान में एक red star के रूप में देख पाएंगे | जो की सबसे करीब की स्तिथि में रात में हमारे चाँद से भी ज्यादा चमकीला नज़र आएगा |
पर इस दूसरे तारे का हमारे सौरमंडल पर कुछ Gravitational Impact जरूर पड़ेगा | यह तारा हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रहो के orbit को कुछ हद तक बदल कर रख देगा | पर इसका असर इतना भी अधिक नहीं होगा की हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रह एक दूसरे से टकराने लगे या हमारे सौरमंडल से बहार चले जाए |
पर इस तारे का हमारे पृथ्वी पर सबसे खतरनाक असर तब पड़ेगा जब यह asteroid belt में मौजूद asteroids और दूसरे solar bodies को inner solar system यानी हमारे पृथ्वी की ओर भेजना शुरू करेगा ऐसे में हमें इन asteroids को detect कर इन्हे पृथ्वी से टकराने से पहले ही नष्ट करनी के techniques पर काम करना पड़ेगा |