लम्बे समय से ही दुनियाभर के वैज्ञानिक हमारे सौरमंडल में Planet Nine के होने के दावे करते रहे है | उनका कहना है की दूर कही सौरमंडल में एक और ग्रह यानि Planet 9 मौजूद है जो की हमारे सूर्य का चक्कर लगा रहा है | वैज्ञानिको को सौरमंडल के इस हिस्से में किसी Large Body के होने के कई सबूत मिले है पर अभी तक उन्हें इस ग्रह या Space body के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले है | पर हाल ही में वैज्ञानिको ने नए सिरे से इस Space Body या Space Structure का अध्ययन करना शुरू किया है और अब उनका कहना है की यह जरुरी नहीं है कि यह Space Structure कोई ग्रह ही हो ,उनके अनुसार यह कोई बेहद ही छोटा ब्लैकहोल भी हो सकता है जो कि हमारे सौरमंडल के कोने में मौजूद है | तो नमस्कार दोस्तों आज के लेख में हम जानेंगे इसी Planet Nine के बारे में |
क्या है Planet Nine और यह कहाँ मौजूद है
खगोल विज्ञानियों को ऐसा लगता है कि हमारे सौरमंडल में Neptune ग्रह से परे एक और ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। इस ग्रह को कोई भी देख नहीं पाया है इसलिए हाल ही में खगोल विज्ञानियों ने यह सुझाव दिया है कि यह बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल वैगरह की तरह पारंपरिक ग्रह न हो कर कुछ और हो! इससे पहले कुछ इसे ‘Planet Nine’ तो कुछ ‘Planet X’ कह रहे थे।
ब्लैक होल हो सकता है Planet Nine
हाल ही में खगोल विज्ञानियों ने यह दावा किया है एक कारण यह भी हो सकता है कि इस नौवे ग्रह को अब तक के सबसे उन्नत दूरबीन (Telescope) से भी इसलिए नहीं देखा जा सका है, क्योंकि यह ग्रह न होकर एक ब्लैक होल हो! दरअसल Black Holes अत्यधिक Mass तथा Density वाले ऐसें Space Bodies होते हैं, जो आकार में तो बहुत छोटे होते हैं।
मगर, इनके अंदर गुरुत्वाकर्षण बल यानी Gravitational Force इतना ज्यादा होता है कि इसके चंगुल से प्रकाश की किरणों का भी बच निकलना नामुमकिन है। चूंकि यह प्रकाश की किरणों को भी अवशोषित कर लेता है, इसीलिए यह हमारे लिए हमेशा Invisible बना रहता है।
लम्बे समय से Planet Nine कि खोज में लगे है वैज्ञानिक
खगोल विज्ञानियों को एक अर्से से ऐसा लगता रहा है कि सौरमंडल के बिल्कुल बाहरी किनारे पर, जहाँ से हमारी आकाशगंगा शुरू होती कही जा सकती है, एक ऐसा विशाल पिंड होना चाहिए, जिसका Mass हमारी पृथ्वी से 5 से 10 गुना ज्यादा है। उसे अभी देखा नहीं गया है, लेकिन खगोलीय गणनाएँ यही इशारा करती हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे सौरमंडल की बाहरी सीमा से परे Oort Cloud से हो कर गुजर रहे धूमकेतु (Comets) जिस तरह सौरमंडल की सीमा के भीतर खिंच जाते हैं|
उससे यही लगता है कि वहाँ हमारी पृथ्वी से भी शक्तिशाली कोई विशाल पिंड होना चाहिए। वह अपने गुरुत्वाकर्षण बल से इन धूमकेतुओं को अपने रास्ते से विचलित कर सकता है।एक डच वैज्ञानिक यान हेंड्रिक ऊर्ट ने 1950 में इस बादल के होने की संभावना जताई थी। हिसाब लगाया गया है कि यह बादल सौरमंडल की बाहरी सीमा से परे 1.6 प्रकाशवर्ष (Light Years) की दूरी तक फैला हुआ है।
वैज्ञानिको ने Primordial black hole कि जताई सम्भावना
इंग्लैंड के डरहम यूनिवर्सिटी के जैकब शोल्टज़ और शिकागो के इलिनोइस यूनिवर्सिटी के जेम्स अनविन ने हाल ही में यह नया सिद्धांत प्रस्तावित किया है कि ‘Planet Nine’ या ‘Planet X’ एक प्राचीन ब्लैक होल (Primordial black hole) है।
सूर्य से लगभग 10 गुना अधिक Mass वाले तारों की हाइड्रोजन और हीलियम रूपी ईंधन खत्म हो जाता है, तब उन्हें फैलाकर रखने वाली ऊर्जा भी ख़त्म जाती है और वे अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण के कारण सिकुड़कर अत्यधिक सघन पिंड- ब्लैक होल बन जाते हैं।
हम आमतौर पर ब्लैक होल शब्द का इस्तेमाल इन्हीं भारी-भरकम खगोलीय पिण्डो के लिए करते हैं। मगर, Primordial black hole के बारे में वैज्ञानिकों की मान्यता है कि इनका निर्माण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति यानी Big Bang के समय हुआ होगा। और ये Black holes आकार में बहुत छोटे होते हैं। स्टीफन हकिंग का ऐसा मानना था कि इन ब्लैक होलों के अध्ययन से ब्रह्मांड की शुरुवाती अवस्थाओं के बारे में पता लगा सकते हैं।
कितना विशाल और कहाँ मौजूद हो सकता है यह Black hole
हालिया शोध के मुताबिक इस Primordial black hole ने सौरमंडल के बड़े ग्रहों की कक्षाओं को सूर्य के सापेक्ष 6 डिग्री तक झुका दिया है।
इस ब्लैक होल की कक्षा (ऑर्बिट) काफी चपटी है। यह वर्तमान में अपनी कक्षा में सूर्य से अधिकतम दूरी के आसपास है। इसका Orbiting Period 20 हजार वर्ष होना चाहिए।
वैज्ञानिकों ने आकाश में 20 डिग्री गुणा अर्थात 400 वर्ग डिग्री का एक क्षेत्र चिन्हित किया है जिसके भीतर यह मौजूद हो सकता है। कंप्यूटर गणनाओं से यह भी पता चला है कि यह ब्लैक होल हमारे सूर्य की परिक्रमा करते हुए हर तीन करोड़ वर्षों पर धूमकेतुओं वाले ऊर्ट बादल में उथल-पुथल मचा देता है।
कैसे खोजा जा सकता है यह Black hole
बहरहाल, अगर ‘Planet Nine’ वास्तव में एक ब्लैक होल होता है तो इसे खोजना किसी ग्रह के खोजने से बड़ी चुनौती होगी। हालांकि ब्लैक होल के आसपास का प्रभामंडल उच्च ऊर्जा फोटॉन को प्रसारित करेगा और यह एक्स-रे और गामा किरणों के रूप में दिखाई देगा, जिससे इसकी मौजूदगी की पुष्टि की जा सकेगी।
अगर हमारे सौरमंडल में ब्लैक होल की मौजूदगी साफ हो जाएगी, तो इससे हमारे सौरमंडल के मौजूदा मॉडल में एक बड़े बदलाव की दरकार होगी!