Science and AstronomySpace News

क्या हम धरती के Orbit को बदल सकते है (Can we change earth orbit Hindi)

In this article we will see some methods to change earth orbit from it's current orbit.

Share this

दोस्तों हमारा सूरज एक G-Type , Main Sequence Star है जिसका निर्माण आज से करीब 4.6 Billion सालो पहले एक विशाल Gas और Dust Cloud के Collapse होने की वजह से हुआ था | हमारी पृथ्वी सूरज से एक खास दूरी पर मौजूद है जिसकी वजह से ही यहाँ जीवन संभव हो सका है | पर आज से करीब 1 Billion सालो बाद हमारे सूरज आज की तुलना में करीब 10 प्रतिशत बड़ा और चमकदार हो जाएगा | जिसकी वजह से हमारी धरती को सूरज से आज की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा ऊर्जा मिलेगी , जिसके कारण हमारे महासागरों के सूखने और धरती पर से जीवन के ख़त्म होने का खतरा पैदा हो जाएगा | ऐसा ही कुछ Netflix में मौजूद मशहूर Chinese Science Fiction Movie “The Wandering Earth” में दिखाया गया है |

wandering earth
wandering earth

Wandering Earth Film Story | फिल्म की कहानी 

इस Film में दिखाया जाता है की किस तरह सूर्य के बढ़ते तापमान की वजह से इंसान पृथ्वी को उसके Orbit से हटाकर, उसे करीब 4.2 Light Years दूर मौजूद Alpha Centauri तारे के Orbit तक ले जाने की कोशिश करते है | हालाँकि इसमें यह तो नहीं दिखाया जाता की वो आखिर में सफल होते है या नहीं , पर यह Movie हम इंसानो के सामने जरूर एक प्र्शन खड़ा कर देती है | की अगर वर्तमान समय में हम इंसानो के सामने कोई ऐसी परिस्तिथि खड़ी हो जाती है जिसमे हमे धरती के Orbit को बदलना पड़े | तो क्या हमारे पास वर्तमान समय में कोई ऐसी तकनीक मौजूद है जिसकी मदद से हम धरती के Orbit को बदल कर दूसरे ग्रहो के Orbit तक या किसी दूसरे Solar System तक ले जा सके | ऐसे में आज का यह लेख काफी रोमांचक होने वाला है जहा हम कुछ ऐसे तकनीक के बारे में जानेंगे जिसके जरिये हम इंसान हमारे पृथ्वी के Orbit को बदल सकते है |

दोस्तों मशहूर Chinese Science Fiction Movie “The Wandering Earth ” में हमें दिखाया जाता है की भविस्य में सूरज का आकार और तापमान अचानक से बढ़ने लगता है | ऐसे में इंसानो के पास धरती को बचाने के लिए केवल 100 सालो का समय ही होता है | क्यूंकि इन 100 सालो में सूरज हमारे पृथ्वी को पूरी तरह निगल जाएगा और अगले 300 सालो में हमारे पुरे सौरमंडल का ही अस्तित्व पूरी तरह ख़त्म हो जाएगा | ऐसे में दुनिया भर के देश एक साथ आकर इस समस्या से निकलने के लिए एक योजना बनाते है |

changing earth orbit
changing earth orbit

इस योजना के अंतर्गत वो इस बात पर राजी होते है की पृथ्वी के Orbit को हमारे सौरमंडल से निकालकर करीब 4.2 Light Years दूर मौजूद Alpha Centauri Star System तक ले जाया जाएगा | जिसके लिए हमारे धरती में करीब 10,000 विशाल Earth Engines का निर्माण किया जाता है जिनकी मदद से पृथ्वी को उसके Orbit से Propel किया जाएगा | इन Earth Engines का इस्तेमाल वे 4.2 Light Years दूर मौजूद Alpha Centauri Star System का सफर केवल कुछ हज़ारो सालो में पूरा करने की योजना बनाते है |

Can we move earth from it’s orbit | क्या हम धरती के Orbit को बदल सकते है 

इस Movie से inspire होकर वैज्ञानिको के एक दल ने यह पता लगाने की कोशिश की है की क्या वर्तमान में हमारे पास कोई ऐसी तकनीक मौजूद है जिसकी मदद से हम हमारे पृथ्वी को उसके मौजूदा Orbit से दूसरे Orbit में ले जा सकते है | पर पृथ्वी को हमारे सौरमंडल से 4.2 Light Years दूर मौजूद Alpha Centauri System तक ले जाने की बातें सोचना भी मूर्खता है क्यूंकि यह नामुमकिन है | ऐसे में वैज्ञानिको ने इसके लिए मंगल ग्रह के Orbit को चुना है ,और यह पता लगाने की कोशिश की है की हमें हमारे पृथ्वी को इसके मौजूदा Orbit से 50 प्रतिशत दूर मौजूद मंगल ग्रह के Orbit तक ले जाने में कितने सालो का समय लग जाएगा |

Roaming earth
Roaming earth

First Method – Nuclear Bombs

इसके लिए सबसे पहली तकनीक जो की हमारे दिमाग में आती है वह है Nuclear Bomb और Nuclear Rockets का उपयोग करना , क्यूंकि यह वर्तमान समय में हमारे धरती में मौजूद सबसे Powerful चीजों में से एक है | हमने कई Movies में देखा है की कैसे विशाल Asteroids और Comets को धरती से टकराने से रोकने के लिए Nuclear Rockets का इस्तेमाल किया जाता है | Nuclear Rockets की मदद से इन्हे Deflect कर इनके Orbit को Change किया जाता है ताकि ये हमारे धरती से बिना टकराए निकल सके |

पर क्या हम Nuclear Rockets का इस्तेमाल कर हमारे धरती को उसके मौजूदा Orbit से दूसरे Orbit में Deflect कर सकते है या नहीं | हमारे पृथ्वी का Mass करीब 6 Septillion Kilogram है , जो की इतना ज्यादा है की लाखो टन Nuclear Bomb भी हमारे पृथ्वी को Move नहीं कर पाएगा | अगर हम पृथ्वी के Orbit को Change करने के लिए Nuclear Bomb का इस्तेमाल करे तो इससे हमारे पृथ्वी के पूरी तरह तबाह होने का भी खतरा मौजूद है |

Second Method – Space Rockets

दूसरा तरीका यह है की हम धरती के Orbit को आगे बढ़ाने के लिए कई छोटे छोटे Rockets का इस्तेमाल कर सकते है | दोस्तों हम हमारे धरती के Surface से Space में Rocket भेजने के लिए Newton के तीसरे Law का उपयोग करते है , जिसके अंतर्गत Rocket तेजी से धरती पर Force मारता है जिसकी वजह से धरती भी Rocket को उतनी ही तेजी से Space की ओर धकेलती है | पर Rocket का यह Force हमारे धरती के विशाल Mass के सामने कुछ नहीं होता जिसकी वजह से Rocket भले ही Space में चला जाता है पर इसका हमारे धरती पर लगभग न के बराबर असर होता है |

Wandering earth and jupiter
Wandering earth and jupiter

पर अगर हम करीब 300 Billion Billion पूरी तरह Loaded वर्तमान समय में मौजूद सबसे Heavy , SpaceX के Falcon Heavy Rocket को धरती से Launch करे तो इस दौरान हमारे पृथ्वी पर इतना Force लगेगा की हम हमारे धरती के Orbit को मंगल ग्रह के Orbit तक धकेल सकते है | पर 300 Billion Billion विशाल Falcon Heavy Rockets को पूरी तरह बनाने और उसे Fully Load करने के लिए , हमें हमारे धरती के Total Mass का करीब 85 प्रतिशत भाग इन Rockets में Load करना होगा जो की नामुमकिन है | यानी इस तकनीक का उपयोग कर हम हमारे धरती के Orbit को बदल नहीं सकते |

Third Method – Gaint Ion Engine 

तीसरे तरीके के अंतर्गत हम हमारे धरती के Orbit को आगे धकेलने के लिए विशाल Ion Engine का इस्तेमाल कर सकते है | इसके लिए हमें हमारे धरती में एक विशाल Ion Engine Motor का निर्माण करना होगा जो की लगातार Ions को Fire करेंगे | जिसकी मदद से हमारी धरती बेहद ही तेजी से विपरीत दिशा में Accelerate होगी | छोटे Level पर इस तरह के Ion Engine का इस्तेमाल Vesta और Ceres जैसे Dwarf Planets का अध्यन करने के लिए भेजे गए Dawn Spacecraft में किया गया था | धरती को अपने Orbit से धकेलने के लिए इस विशाल Ion Engine को बेहद ही विशाल होना होगा और साथ ही इसे Space में हमारे धरती से करीब 1000 kilometer की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा |

Earth engines
Earth engines

यह Ion Engine एक विशाल Super Resistance Beam की मदद से हमारे धरती से जुड़ा हुआ होगा ताकि धरती को Accelerate किया जा सकेगा | इस Ion Engine में कम से कम धरती का 13 प्रतिशत Mass मौजूद रहना होगा , जो की पृथ्वी को उसके Orbital Motion के तरफ , करीब 40 Kilometer प्रति Second की रफ़्तार से धकेलेगा | यानी कुछ सालो के समय के दौरान ही हम इस तकनीक की मदद से हमारे पृथ्वी के मौजूदा Orbit को बढाकर मंगल ग्रह के Orbit तक ले जाएगा | पर वर्तमान समय में मौजूद Technology की मदद से इतने विशाल Ion engine का निर्माण करना बेहद मुश्किल है |

Fourth Method – Space Lasers

चौथे तरीका काफी किफायती और आसान तरीका है जिसके अंतर्गत हम विशाल Powerfull Lasers का उपयोग कर पृथ्वी के Orbit को आगे धकेल सकते है | Breakthrough Starshot एक बेहद ही महत्वाकांक्षी योजना है जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक धरती पर मौजूद विशाल Lasers की मदद से Solar Sail को Light के 20 प्रतिशत जितने Speed से Propel करेंगे | जो की केवल 10 से 20 सालो के दौरान ही हमारे धरती के सबसे समीप में मौजूद Proxima Centauri System तक पहुंच जाएगा |

हम इस तकनीक का उपयोग कर हमारे धरती के Orbit को भी आगे धकेलने की कोशिश कर सकते है | पर हमारे धरती के विशाल आकार और Mass को देखते हुए अगर हम 100 Gigawatt Laser की मदद से हमारे हमारे धरती को Propel करने की कोशिश करे | तो हमें हमारे धरती के Orbit को मंगल ग्रह के Orbit तक ले जाने में ही कई सैकड़ो Billion सालो का समय लग जाएगा जो की काफी काफी ज्यादा है | ऐसे में यह तरीका भी हमारे लिए कोई काम का नहीं है |

Jupiter from earth
Jupiter from earth

वही इस तकनीक का उपयोग करते हुए वैज्ञानिको ने एक और तरीका सुझाया है | इस तकनीक के अंतर्गत वैज्ञानिक धरती के Orbit को आगे धकेलने के लिए Solar Radiation का उपयोग कर सकते है | Light एक Free और बेहद ही Powerful Energy Source है | अगर हम पृथ्वी के आकार से भी कई गुना विशाल Solar Sails का निर्माण करे और उसे Space में एक खास तरह से रख दे की वह सूरज से आने वाले Solar Radiation को धरती के Surface में Deflect कर सके |

तो ऐसे में सूरज से आने वाले High Energy Photons हमारे धरती के Center of Mass को बदल सकता है , जो की समय के साथ हमारे पृथ्वी के Orbit को मंगल ग्रह तक ले जाने में मदद कर सकता है | पर पृथ्वी को मंगल ग्रह के Orbit तक धकेलने के लिए हमें हमारे पृथ्वी के आकर से भी करीब 19 गुना विशाल Solar Sail को जरुरत होगी | साथ ही इस तकनीक का उपयोग करते हुए हमें पृथ्वी के orbit को बदलने के लिए करीब 1 Billion सालो का समय जाएगा जो की काफी ज्यादा है | यानी यह तकनीक भी हमारे लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं है |

Fifth Method – Gravity Assist 

पांचवा तरीका काफी अनोखा पर खतरनाक तरीका है जिसके अंतर्गत हम Asteroid Belt में मौजूद Asteroids और Comets का उपयोग कर हमारे धरती के Orbit को आगे धकेल सकते है | इस तरीके को Gravity Assist तकनीक कहा जाता है , जिसके अंतर्गत 1970 के दशक से ही कई Spacecraft और Space Probe अपने गति को बढ़ाने या कम करने के लिए Planets के Gravity का इस्तेमाल करते है | जब ये Space Probe विशाल Planets के Orbit का चक्कर लगाते है तो इस दौरान ये अपने आप को काफी तेज गति से Accelerate करते है जिसकी वजह से इनकी Speed काफी बढ़ जाती है | पर जब Space Probe अपनी गति को Accelerate करते है तो वो असल में Planet के Orbital Velocity को कम भी कर रहे होते है क्यूंकि Energy कभी भी Create नहीं की जा सकती यह बस एक Object से दूसरे में Convert की जा सकती है |

Earth engines
Earth engines

पर इन Space Probe का Mass इन Planets के Mass के सामने काफी कम होता है जिसकी वजह से इसका असर लगभग न के बराबर होता है | ऐसे में हम किसी विशाल Space Object को धरती के Orbit के करीब से Flyby कराकर पृथ्वी के Rotation Speed को कम कर सकते है | जिसके बाद हम बेहद ही आसानी से पृथ्वी के Orbit को आगे बढ़ाकर मंगल ग्रह के मौजूदा Orbit तक ले जा सकते है | पर इसके लिए इस Space Object को Asteroid Belt में मौजूद सबसे विशाल Dwarf Planet Ceres जितना विशाल होना होगा और इसे हमारे पृथ्वी के काफी करीब से होकर गुजरना होगा | पर ऐसा करना काफी मुश्किल है साथ ही इस दौरान इसका हमारे धरती या दूसरे ग्रहो के साथ टकराने का भी खतरा मौजूद है ऐसी में यह तकनीक भी हमारे लिए काफी मुश्किल है |

यानी कहा जाए तो वर्तमान समय में हमारे पास पृथ्वी के Orbit को मंगल ग्रह के Orbit तक ले जाने लायक भी कोई तकनीक मौजूद नहीं है | ऐसे में हम हमारे पृथ्वी को Proxima Centauri Star System तक ले जाने की कल्पना भी नहीं कर सकते | साथ ही The Wandering Earth में दिखाया गया खतरा एक Science Fiction मात्र है और आने वाले कई Billion सालो बाद ही हमारे पृथ्वी को सूरज से कोई खतरा है | ऐसे समय में भी पृथ्वी को उसकी Orbit से आगे बढ़ाना कोई अच्छी योजना नहीं है , ऎसे कठिन समय में हम मंगल ग्रह पर मानव बस्ती बसा सकते है क्यूंकि उस समय सूरज के बढ़ते तापमान के चलते मंगल ग्रह हमारे पृथ्वी के समान हो जाएगा | साथ ही कई Billion सालो तक हमारे पृथ्वी को सूरज से कोई खतरा नहीं है ऎसे में इस दौरान हम इंसान इतना Advance हो जाएंगे की हम दूसरे ग्रहो , सौरमंडलो और आकाशगंगाओ में मानव बस्ती बसा ले |

Universe Hindi

Geetesh Patel is a Science enthusiast, he has a successful running youtube channel with over 1 Million Subscriber. And he Owns Universe Hindi and other Blogs and Websites.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button