भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का Chandrayaan2 mission काफी हद तक सफल मिशन रहा जिस दौरान इसने Chandrayaan2 Orbiter को सफलतापूर्वक Moon के Orbit में दाखिल किया | पर Vikram Lander को Moon के South Pole पर लैंडिंग कराते समय हमारा संपर्क उससे टूट गया जो कि इस मिशन के लिए काफी बड़ा झटका था | पर इसरो के अनुसार उसका Chandrayaan2 Mission करीब 95% तक सफल रहा जो कि काफी अच्छा है | आने वाले समय में इसरो जल्द ही Chandrayaan Program के अंतर्गत तीसरे मिशन यानी Chandrayaan3 पर काम शुरू करने जा रहा है | इस मिशन को सफल बनाने के लिए भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO और जापानी स्पेस एजेंसी JAXA साथ मिलकर काम करने जा रहा है | पर यह मिशन पिछले चंद्रयान मिशनों से काफी अलग और खास होगा जिसके बारे में हम जानेंगे इस लेख में |
कैसा होगा इसरो का चंद्रयान 3 मिशन | Information about ISRO Chandrayaan 3 Mission
दोस्तों अभी तक Chandrayaan-3 mission को लेकर अभी तक कुछ बिलकुल साफ़ नहीं है | पर अभी तक ज्ञात जानकारी के अनुसार चंद्रयान 3 मिशन एक रोबोटिक स्पेस मिशन होने जा रहा है इस मिशन में मुख्य रूप से एक Rover और एक Lander मौजूद होगा जो कि Moon के South Pole पर Landing करने की कोशिश करेगा | Indian Space Agency ISRO और Japanese Space Agency JAXA इस मिशन पर साथ मिलकर काम करने जा रहे हैं | इस मिशन के अंतर्गत जापानी स्पेस एजेंसी JAXA को इसके H3 Launch Vehicle और Rover को तैयार करने का काम सौपा गया है | वही भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो को इसके Lander को डिजाइन और डिवेलप करने का काम सौंपा गया है |
चंद्रयान 3 मिशन कि खासियतें | Amazing facts about Chandrayaan 3 Mission
काफी संभावना है कि यह मिशन एक लैंडर,रोवर मिशन होगा जिसके लैंडर में एक In-Built Laboratory भी मौजूद होगा | यह मिशन Moon के South polar region पर लैंड करेगा जिसके बाद यह अपने Rover को Moon के Surface establish करेगा | Moon के Surface पर Land करने के बाद यह वहां मौजूद मिट्टी के Sample को इकट्ठा करेगा और जांच के लिए अपने In Built Laboratory पर भेजेगा | जो चन्द्रमा के मिट्टी का अध्ययन कर इसके Surface के बारे में अहम जानकारिया जुटाएगा |
वहीं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मिशन एक Sample return mission भी हो सकता है | जिसके अंतर्गत पहले Chandrayaan 3 का Lander मून के South pole पर लैंड करेगा जिसके बाद Lander वहा मौजूद मिट्टी और चट्टानों के सैंपल इकट्ठा कर उसे एक स्पेशल Space Capsule में भेजेगा | जिसके बाद लैंडर उस Space Capsule को Moon के Orbit में भेजेगा | जो कि धीरे-धीरे पृथ्वी कि ओर रवाना होगा, और फिर धरती पर लैंड करेगा | इसका मुख्य मकसद धरती पर मौजूद वैज्ञानिकों को Moon के South Polar Region के मिट्टी के सैंपल मुहैया करना होगा | वैज्ञानिक इन Samples का अध्ययन कर Moon के South Pole के बारे में कई हम जानकारिया जुटा सकते है |
जापान और भारत मिलकर करेंगे काम | India and Japan will work together for Chandrayaan 3 Mission
Chandrayaan 3 का Lander और Rover Moon के South Polar Region पर Land कर वह करीब 1 महीना बिताएंगे | जिस दौरान ये Moon के बेहद ही ठंडे और जमा देने वाले Moon Night को पार करने की कोशिश करेंगे | इसका मुख्य मकसद इस तरह की टेक्नोलॉजी को डेवलप करना होगा जो कि Moon के जमा देने वाले Moon Night को पार करना होगा | भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने इस मिशन को लेकर जापानी स्पेस एजेंसी JAXA से बात करना शुरू कर दिया है |
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच वार्ता के दौरान Moon Exploration Mission को लेकर चर्चा हुई थी जिसमे कहा गया था कि दोनों ही देशों के बीच एक Joint Moon mission को लेकर चर्चा अपने अंतिम पड़ाव पर है एवं इस मिशन को फाइनल कर जल्द ही इसे आगे कि Planning और Research के लिए भेजा जा सकता है |
चन्द्रमा पर भविष्य के मिशन | Future Moon Missions
Moon का South Pole काफी महत्वपूर्ण है जो कि Rich sunlight , Water , Expensive Elements और Metals से भरपूर है | जो कि भविष्य में चन्द्रमा पर Moon base या Moon colony बनाने के लिए सबसे उपयुक्त जगहों में से एक है | आने वाले 10 सालों में दुनियाभर की Space Agencies Moon के South Pole पर करीब 7 से अधिक Manned और Unmanned Moon Mission भेजने कि योजना बना रहे है जिसकी वजह से आने वाले भविष्य में चन्द्रमा पर Moon Base और उसके Surface पर Mining को लेकर दुनियाभर कि Space Agencies के बीच टकराव शुरू हो सकता है |
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA 2024 में Artemis Program के अंतर्गत करीब 47 सालो बाद फर एक बार चन्द्रमा पर इंसानो को भेजने कि योजना बना रहा है | इस Mission के अंतर्गत कुल 3 Astronauts Moon के South Pole पर लैंड करेंगे | पर इस बार Astronauts वहा केवल कुछ घंटे बिताने के बजाए वहा moon base स्थापित कर वहा कई दिन बिताने बिताने कि योजना पर काम कर रहे है | इसे मंगल ग्रह पर actual landing से पहले एक हम कदम कि तरह देखा जा रहा है |